जीव विज्ञान मेरा प्रिय विषय है। एक दिन हमारी जीव विज्ञान की अध्यापिका हमें तितली का जीवन-क्रम पढ़ा रही थीं। वे बता रही थीं कि कीड़े जैसा कैटरपिलर किस तरह रंग-बिरंगी तितली में बदल जाता है। वे एक कैटरपिलर लेकर आई थीं। उन्होंने बताया कि थोड़ी ही देर बाद कैटरपिलर का खोल टूट जाएगा और तितली बाहर निकलने का संघर्ष करके इससे बाहर आ जाएगी। इतना कहकर वे कक्षा से बाहर चली गईं।
हम तितली के बाहर आने का इंतजार करने लगे। थोड़ी ही देर बाद तितली खोल से बाहर आने का प्रयास करने लगी। मुझे उस तितली पर दया आने लगी कि वह कितना संघर्ष कर रही थी। मैंने तितली की मदद करने का फैसला किया। मैंने खोल को तोड़ दिया, जिसकी वजह से तितली को बाहर निकलने में मेहनत नहीं करनी पड़ी। परंतु थोड़ी देर में वह मर गई।
वापस लौटने पर शिक्षिका को सारी घटना का पता चला। तब उन्होंने हम सभी को बताया कि खोल से बाहर आने के लिए तितली को जो संघर्ष करना पड़ता है, उसी की वजह से उसके पंखों को मजबूती और शक्ति मिलती है। यही प्रकृति का नियम है। तितली की मदद करके मैंने उसे संघर्ष करने का मौका नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि वह मर गई। दोस्तो, यही नियम हमारी जिंदगी पर भी लागू होता है। जिंदगी में कोई भी चीज संघर्ष के बिना नहीं मिलती।