-ब्रजमोहन शर्मा-
मिन्नू हिरण और गोबू खरगोश के घर थोड़ी ही दूरी पर थे। दोनों अच्छे दोस्त थे और बहुत सीधे-सादे भी। उन्हें
कोई कुछ नहीं कहता था। किसी से झगड़ा करना वे जानते ही नहीं थे, बल्कि किसी को झगड़ते हुए देखकर डर
जाते थे।
मिन्नू और गोबू को अपने छोटे-छोटे बच्चों से बड़ा प्यार था, क्योंकि वे बहुत सुंदर थे। उनके पड़ोसी भी इन
बच्चों से बहुत प्यार करते थे। जब भी किसी के यहां कोई प्रोग्राम होता, मिन्नू-गोबू को सपरिवार बुलाया जाता।
उनके सजे-संवरे बच्चों को देखकर हर किसी की नजर उन पर ही जा पहुंचती थी।
एक दिन बंटी भालू ने अपने बेटे के जन्मदिन पर एक बड़ी दावत का आयोजन किया। उस दावत में उसने शेरू
शेर, हंगी हाथी, लेमन टाइगर, जीनू जिराफ, ऊनी ऊंट जैसे बड़े-बड़े जानवरों को बुलाया था और आसपास के भी
सब जानवर आमंत्रित किये थे।
सभी जानवर दावत खा रहे थे। तभी मिन्नू हिरण अपनी पत्नी और दोनों छोटे-छोटे बच्चों-संटू-मंटू को साथ
लेकर आया। सभी जानवरों की नजर संटू-मंटू पर पड़ी तो वे इन सुंदर बच्चों को देखकर बड़े हैरान हुए। थोड़ी
देर बाद गोबू खरगोश भी अपने बच्चों-लोटू-बोटू के साथ दावत में आया। संटू-मंटू, लोटू-बोटू को देखकर सभी
जानवर बड़े खुश हुए। वे उन्हें प्यार करते और अपनी गोदी में खिलाते।
शेरू शेर ने उन्हें खूब सारी चॉकलेटें दीं। हंगी हाथी का बड़ा आकार देखकर तो चारों बच्चों डर ही गये कि तभी
बंटी भालू ने आकर उन्हें समझाया-डरो मत बच्चों, ये तो बहुत अच्छे अंकल हैं। किसी से कुछ नहीं कहते हैं।
हंगू हाथी पास ही खड़ा था।
उसने अपनी सूंड़ से उन्हें एक-एक करके प्यार से उठाया और अपनी पीठ पर बैठा कर घुमाने लगा। बच्चों को
उसकी पीठ पर बैठकर बहुत मजा आया। इसके बाद लेमन टाइगर ने उन बच्चों से बहुत प्यार से बातें कीं।
जीनू जिराफ तो उनके साथ खूब खेला। वह जमीन पर बैठ गया और अपनी लंबी गर्दन को नीचे करके चारों
बच्चों को उस पर बैठा लिया और फिर उन्हें झूले की तरह खूब झुलाया।
इसी बीच बंटी भालू ने आवाज लगाई-भाई मिन्नू-गोबू! बहुत देर हो गयी, अब बच्चों के साथ दावत तो खाओ।
ये सब तो चलता रहेगा, क्योंकि तुम्हारे बच्चे ही बहुत प्यारे-प्यारे हैं।
जैकू भेड़िया भी दावत में आया था। यह नजारा वह बहुत देर से देख रहा था। मिन्नू-गोबू को और जानवरों से
डर नहीं लगता था, लेकिन जैकू से बहुत डर लगता था। यह कई बार उनके बच्चों के अपहरण की कोशिश कर
चुका था। इस वजह से मिन्नू-गोबू अपने बच्चों को घर से अकेले बाहर नहीं निकलने देते थे।
मिन्नू हिरण अपने काम से बाहर जाता तो अपनी पत्नी से रोजाना कहकर जाता-मैकी, जरा ध्यान रखना, इन
बच्चों को अकेले बाहर मत निकलने देना। एक दिन हिरण की पत्नी मैकी घर का कुछ जरूरी सामान लेने के
लिए भीकू बंदर की दुकान पर गयी तो बच्चों को समझाकर गयी कि देखो बच्चों, अंदर से घर की किवाड़ें बंद
रखना, जब भी कोई अजनवी दरवाजा खोलने के लिए कहे तो बिल्कुल मत खोलना। खिड़की से ही पूछ लेना कि
क्या काम है?
जैसे ही मैकी घर से बाहर निकली कि मौके की तलाश में बैठा जैकू भेड़िया तुरंत दरवाजा खटखटाने लगा। संटू-
मंटू ने अपने कमरे की खिड़की से झांक कर देखा तो जैकू की नजर उन पर पड़ी। जैकू बोला-बच्चों, दरवाजा
खोलो, हम तुम्हारे लिए बहुत सारी चॉकलेट लेकर आए हैं। संटू-मंटू बोले-अंकल, ये चॉकलेट हमें खिड़की से ही दे
दो। हम दरवाजा नहीं खोलेंगे।
तभी मैकी के आने की आहट सुनकर जैकू भेड़िया भाग गया। इस तरह वह रोजाना तंग करने लगा था और हर
समय ऐसे मौके की तलाश में रहता था कि घर में बच्चों के अलावा कोई दूसरा न हो। गोबू खरगोश के बच्चों
का अपहरण करने की कोशिश भी जैकू कई बार कर चुका था। जैकू भेड़िया से तंग आकर मिन्नू और गोबू ने
एक दिन उसे सबक सिखाने की सोची।
इसके लिए उन्होंने अपने सभी पड़ोसियों से बात की और बंटी भालू को भी बताया। बंटी ने मिन्नू-गोबू से कहा-
चिंता मत करो, कल ही जैकू को ऐसा सबक सिखा देते हैं कि वह आगे यहां आयेगा ही नहीं। बंटी भालू ने दूसरे
दिन ही अपने दोस्त हंकी हाथी और लेमन टाइगर को बुला लिया। जैकू को पकड़ने के लिए वे तीनों मिन्नू
हिरण के पास वाले मकान में छिप गये।
पहले ही योजना बना ली थी कि बच्चों को घर में अकेले छोड़ा जाए और जैसे ही जैकू चॉकलेट के बहाने बच्चों
से घर का दरवाजा घुलवाने की कोशिश करे तो तुरंत उसे पकड़ लिया जाए। और ऐसा ही हुआ। जैकू संटू-मंटू
को घर में अकेला देखकर दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगा तो तभी पीछे से मिन्नू हिरण के सभी
पड़ोसियों ने उसे घेर लिया।
पड़ोसियों पर झपट्टा मारकर वह जैसी ही आगे बढ़ा तो लेमन टाइगर ने उसे पकड़ लिया और हंकी हाथी के
सामने छोड़ दिया। अब हंकी हाथी ने उसे अपनी सूड़ में लपेट लिया और खूब ऊपर-नीचे घुमाकर जमीन पर
पटका तो जैकू को नानी याद आ गयी। और दोबारा जब हंकी ने अपनी सूंड़ उसकी तरफ बढ़ाई तो जैकू हाथ
जोड़कर बोला-बस हंकी दादा बस। मुझे माफ कर दो। मेरी कमर टूट गयी, बहुत जोर से दर्द हो रहा है। अब मैं
इधर कभी नहीं आऊंगा। इन बच्चों से कभी कुछ नहीं कहूंगा।
जैकू को इतना ही सबक सिखाना काफी था। इसके बाद वह कभी इधर नहीं आया और मिन्नू हिरण व गोबू
खरगोश अब आराम से रहने लगे थे।