सभी शिशु रोते है, यह बिलकुल सामान्य बात है। अधिकांश शिशु प्रत्येक दिन कुल एक घंटे से लेकर तीन घंटे तक
के समय के लिए रोते हैं। आपका नन्हा सा शिशु अपने आप खुद कुछ नहीं कर सकता है और वह आप पर अपनी
हर जरुरत के लिए निर्भर करता है-चाहे वह भूखा है, आराम चाहता है या फिर प्यार और दुलार। आपका शिशु रो
कर ही आपको यह बता सकता है की उसे किसी चीज की जरुरत है।
आपके लिए कई बार यह पता चलाना मुश्किल हो जाता है की आखिर शिशु रो क्यों रहा है। लेकिन समय के साथ
आप पहचानने लगेंगी और समझने लगेंगी की आपके शिशु के रोने का कारण क्या है। और जैसे जैसे आपका शिशु
बढ़ता है वह आप के साथ बात चीत करने के अन्य तरीके सीख लेता है जैसे की आंखों का समपर्क, शोर मचाना
या फिर मुस्कुराते हुए आपका ध्यान अपनी तरफ खींचना। अगर आपका शिशु रो रहा है और चुप नहीं हो रहा है तो
हो सकता है वह आपसे से यह कहने की कोशिश कर रहा है…
मुझे भूख लग रही है
भूख किसी नवजात शिशु के रोने का सबसे बड़ा कारण है। किसी बच्चे का छोटा सा पेट बहुत कुछ भंडार में नहीं
रख सकता। इसीलिए अगर आपकी संतान रोती है, तो उसे दूध पिलाने की कोशिश करें, क्योंकि वह भूखी हो सकती
है।
मेरी नैपी (कलोट) बदलो
कुछ शिशु अपनी नैपी बदलने की जरूरत पर बहुत ध्यान नहीं देते लेकिन कई दूसरे तुरंत ही चीख कर आपका
ध्यान अपनी ओर खींचेंगे। खासकर तब, अगर उनकी कोमल त्वचा में खुजली या खुश्की हो। यह भी देखें कि कहीं
नैपी बहुत कस कर तो नहीं बंधी है, या उसके कपड़े तो उसको परेशान नहीं कर रहे हैं।
मुझे अधिक गर्म या अधिक ठंड लग रही है
जांच करें कि आपका शिशु अपने बिस्तर में कहीं बहुत अधिक गर्म या ठंडा तो नहीं महसूस कर रहा। इसे आप
उसके पेट को छूकर पता कर सकते हैं (उसके हाथ या पैर से पता नहीं लगेगा, वे सामान्य तौर पर ठंडे होते हैं)।
अगर उसका शरीर अधिक गरम है, तो एक कंबल हटा दें। अगर वह ठंडा है तो एक और उढ़ा दें। मौसम के अनुसार
कमरे का तापमान 22 और 25 डिग्री सेल्सियस के बीच में रखें।
मुझे गोद में ले लो
कई बार आपका शिशु केवल दुलार चाहता है. चिंता न करें, अगर आप अपने शिशु को शुरुआती कुछ महीनों में
अधिक समय तक उठा भी लेंगे, तो वह बिगड़ नहीं जायेगा। छोटे बच्चों को शारीरिक आराम और आश्वासन की
बहुत जरूरत है. यदि आप अपने बच्चे को सीने से लगा के रखेंगे तो उसे आपकी दिल की धड़कन सुनकर दिलासा
मिलेगा आप शिशु को एक बेबी स्लिंग या केरीयर में भी रख सकती है जो आपके सीने या पीठ पर बंधता हो ऐसा
करने से शिशु आपकी गोद में रह सकेगा और बाकी कामों के लिए आपके हांथ भी मुक्त रहेंगे।
मुझे आराम की जरूरत है
नवजातों के लिए काफी सक्रिय रहना कठिन होता है। उसके रोने का एक मतलब होता है- बस, मेरे लिए काफी है.
रोना, चिडचिडाना, उदास हो कर छत के ओर घूरना नींद आने के कुछ उदाहरण हैं। उसे किसी शांत और खामोश
जगह ले जाएं। कुछ देर बाद आप पाएंगे कि वह सोने के लिए तैयार है।
मेरी तबियत ठीक नहीं है
अपने बच्चे में किसी भी परिवर्तन के बारे में सतर्क रहे। अगर वह अस्वस्थ है, वह शायद वह हमेशा की तरह न
रोये। रोने का अलग ही स्वर हो सकता है, थोडा कम या अधिक या फिर चीख कर लगातार रोना। और अगर
आपका शिशु आम तौर पर बहुत रोता है, लेकिन असामान्य रूप से शांत हो गया है, तो यह भी एक संकेत है कि
उसकी तबियत ठीक नहीं है।
कोई भी आपके शिशु को इतनी अच्छी तरह से नहीं जान सकता जैसे की आप। यदि आपको लगता है कि आपके
शिशु की तबियत ठीक नहीं लग रही है तो डॉक्टर से बात करें और अपनी चिंताओं पर चर्चा करें। डॉक्टर को तुरंत
बुलाएं अगर आपका शिशु को रोते समय सांस लेने में कठिनाई हो रही है, या अगर रोने के साथ उसे बुखार, उल्टी,
दस्त या कब्ज भी हो रहा हो।
मुझे कुछ चाहिए…पर पता नहीं क्या
कभी कभी आपको समझने में कठिनाई होगी की आखिर शिशु रो क्यूं रहा है। देखा गया है की अक्सर नवजात
शिशु बीच में कुछ दिनों के लिए चिडचिडे हो जाते हैं या फिर रोते ही रहते हैं। कभी कभी यह एकदम ही चुप हो
जाते हैं या फिर कभी कभी घन्टों तक रोते हैं। अक्सर यह पेट के दर्द याने कोलिक की वजह से होता है। कालिक
कम से कम तीन दिनों के लिए, एक दिन में कम से कम तीन घंटे के लिए गमगीन रोने के रूप में प्रकट होता है।
इससे निबटना कठिन होता है, वहीं इसकी कोई जादुई दवा भी नहीं है. हालांकि आपके लिए यह जानना फायदेमंद
होगा कि दर्द कभी भी काफी दिनों तक नहीं रहता।
मेरा शिशु लगातार रो रहा है में क्या करूं?
यहां कुछ नुस्खे हैं जिससे आप अपने शिशु को आराम पहुंचा सकते हैं।
उसे लपेटें और कस कर पकड़ें
कई माता पिता यह देखते हैं की उनके शिशु गोद में आते ही चुप हो जाते हैं खासकर जब वह आपके दिल की
धड़कन को सुन के सुखदायक मेह्सूस करते हैं। कई नवजात लिपटना और सुरक्षित महसूस करना पसंद करते हैं।
जैसा कि वह गर्भ में रहते हैं, तो आप अपने शिशु को कंबल में लपेटें (यह स्वैडलिंग के नाम से जाना जाता है) या
बेबी स्लिंग में भी उसे रख सकते हैं ताकि जान सकें कि क्या वह उसे पसंद करता है। हलाकि कुछ शिशु ऐसे भी
होते हैं जिन्हें लिपटे हुए रहना बिलकुल पसंद नहीं होता।
एक लगातार ध्वनि खोजें
गर्भ में आपका शिशु आपके दिल की धड़कन लगातार सुनता रहता है। इसलिए मधुर संगीत की आवाज या लोरी से
आपके शिशु को आश्वासन मिलेगा। कई माता पिता को लगता है कि घड़ी की टिक टिक के स्थिर लय अक्सर शिशु
को खामोश करते हैं और सोने में भी मदद करते हैं। अब बाजार से संगीत के सीडी या फिर टेप खरीद सकती है जो
नन्हे शिशुओं को सुलाने में मदद केंगे।
अपनी बाहों में शिशु को घुमाएं
अधिकतर बच्चे धीरे-धीरे हिलना पसंद करते हैं, या तो आप उसे टहलाएं या गोद में लेकर एक हिलनेवाली कुर्सी मे
बैठें। खास तौर पर बच्चों के लिए बनाए झूले भी कुछ बच्चों को शांत कर देते हैं, पर कई सो भी जाते हैं, जैसे ही
उनको किसी कार में कहीं ले जाया जा रहा हो।
मालिश करके देखिए
आपके शिशु को मालिश शांत कर सकती है। जिन बच्चों को कोलिक (पेटदर्द) है वे कई बार पेट को धीरे-धीरे
सहलाने पर शांत हो जाते हैं. यह जानकर आपको भी बेहतर लगेगा कि आप कम से कम अपने शिशु को कष्ट से
मुक्त कराने के लिए कुछ तो कर रहे हैं।
दूध पिलाने के लिए एक अलग स्थिति खोजें
कुछ बच्चे दूध पीते समय रोते हैं यदि आप स्तनपान करा रहीं है तो आपने देखा होगा की शिशु आराम से स्तन
मुह में लेता है जब वह शांत होता है। अगर फीड के दौरान शिशु को गैस हो रहा है, तो आप ऐसी स्तिति ढूंढे
जिसमे वह थोडा और सीधा होकर दूध पी सके। दूध पिलाने के बाद शिशु को डकार अवश्य दिलाएं। अगर आपका
शिशु दूध पीने के बाद भी रोता है तो हो सकता है वह अब भी भूखा है। दोबारा से उसे दूध पिलाने की कोशिश
करें।
उसे कुछ चूसने को दें
कुछ नवजातों में चूसने की इच्छा काफी तीव्र होती है और एक चुसनी या (साफ) उंगली या अंगूठा उसे काफी
आरामदेह लगता है। कम्फर्ट सकिंग किसी बच्चे के दिल की धड़कन को नियमित कर सकता है, उसके पेट को
आराम पहुंचाता है, और उसे शांत कर देता है।
उसे एक गुनगुना स्नान दें
गुनगुने पानी से स्नान आपके बच्चे को शांत करने में मदद करेगा पहले पानी का तापमान की जांच करें फिर शिशु
को टब में डालें. यह बात ध्यान में रखें की अगर आप्कपके शिशु को स्नान पसंद नहीं है तो यह तरकीब काम नहीं
करेगी-उल्टा शिशु और जोर से रोने लग सकता है।
खुद से बहुत अधिक न मांगें
एक नवजात जो लगभग लगातार रोता है वह खुद को तो नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन अपने अभिभावकों को
जरूर तनावग्रस्त कर सकता है। खैर, अगर आपने अपनी सोच के मुताबिक सब कुछ आजमा लिया है, तो समय
आ गया है कि आप खुद की चिंता करें।
-यदि आप बाद प्रसव पूर्ण एकांतवास में हैं तो बाकि घर वालों की मदद लें।
-कुछ शांत संगीत सुनकर आराम करें।
-अपने शिशु को किसी सुरक्षित जगह लिटा दें और कुछ देर तक रोने दें-अपनी सुनने की सीमा के भीतर कुछ गहरी
सांसें लें।
-यदि आप और आपका शिशु दोनों ही परेशान हैं और आपकी सारी कोशिशे नकाम सी लग रहीं है तो अपने पति
या घर के किसी और रिश्तेदार की मदद लें।
-अपने डॉक्टर से स्थानीय समर्थन समूहों (लोकल सपोर्ट ग्रुप) का पता लगाएं, जहां आप दूसरे नए अभिभावक बने
लोगों से अपने अनुभव साझा कर सकें।
-मित्रों या फिर माता पिता से बात चीत करें और कुछ रणनीतियों बनायें अपनी भावनाओं को साझा करने के लिए
और अन्य नए माता पिता के साथ बात करें।
खुद को याद दिलाएं कि हरेक दिन आपका बच्चा अपनी जरूरत के बारे में आपको बताने के नए तरीके सीखता है
और यह रोने का दौर भी जल्द ही थम जाएगा।