गुब्बारे वाला

asiakhabar.com | March 19, 2023 | 5:48 pm IST
View Details

एक आदमी गुब्बारे बेच कर जीवन-यापन करता था। वह गाँव के आस-पास लगने वाली हाटों में जाता और गुब्बारे बेचता। बच्चों को लुभाने के लिए वह तरह-तरह के गुब्बारे रखता ३लाल, पीले ,हरे, नीले३। और जब कभी उसे लगता की बिक्री कम हो रही है वह झट से एक गुब्बारा हवा में छोड़ देता, जिसे उड़ता देखकर बच्चे खुश हो जाते और गुब्बारे खरीदने के लिए पहुँच जाते।
इसी तरह तरह एक दिन वह हाट में गुब्बारे बेच रहा था और बिक्री बढाने के लिए बीच-बीच में गुब्बारे उड़ा रहा था। पास ही खड़ा एक छोटा बच्चा ये सब बड़ी जिज्ञासा के साथ देख रहा था। इस बार जैसे ही गुब्बारे वाले ने एक सफेद गुब्बारा उड़ाया वह तुरंत उसके पास पहुंचा और मासूमियत से बोला, अगर आप ये काल वाला गुब्बारा छोड़ेंगे३तो क्या वो भी ऊपर जाएगा?
गुब्बारा वाले ने थोड़े अचरज के साथ उसे देखा और बोला, हाँ बिलकुल जाएगा। बेटे! गुब्बारे का ऊपर जाना इस बात पर नहीं निर्भर करता है कि वो किस रंग का है बल्कि इसपर निर्भर करता है कि उसके अन्दर क्या है।
दोस्तों ठीक इसी तरह हम इंसानों के लिए भी ये बात लागु होती है। कोई अपनी जिंदगी में क्या हाशिल करेगा, ये उसके बाहरी रंग-रूप पर नहीं निर्भर करता है , ये इस बात पर निर्भर करता है कि उसके अन्दर क्या है। अंततः हमारा योग्यता हमारा वयक्तित्व तय करता है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *