…और मिल गया टॉमी

asiakhabar.com | February 3, 2021 | 5:47 pm IST
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लवण्या गुप्ता

टॉमी, रॉमी और सिली नाम के तीन पपी थे। तीनों अभी बहुत छोटे थे। उनकी मॉम रीबू उनका हर समय ख्याल
रखती थी। एक टूटे हुए मकान के एक छोटे से कौने में उसने अपना घर बना रखा था। टॉमी और रॉमी उसमें

अपनी बहन सिली के साथ खूब ऊधम मचाते थे। धीरे-धीरे ये बड़े हुए और बाहर निकलने लगे तो रीबू को चिंता
होने लगी। वह खाने की तलाश में बाहर जाती तो अपने तीनों बच्चों को हिदायत देकर जाती कि तुम अभी बहुत
छोटे हो। बाहर मत निकलना, नहीं तो कोई पकड़ ले जाएगा या कोई चोट पहुंचा देगा। मॉम के सामने तो तीनों चुप
रहते, लेकिन जैसे ही रीबू खाने की तलाश में घर से बाहर निकलती तो वे शैतानियां करने लगते और घर से बाहर
निकल जाते। एक दिन रीबू जल्दी ही घर आ गयी। उसने देखा कि टॉमी व रॉमी दोनों बाहर घूम रहे हैं और सिली
अकेली परेशान होकर रो रही है। सिली ने मॉम को अपने दोनों भाइयों की शिकायत की कि ये दोनों उसे बहुत
परेशान करते हैं। रीबू ने टॉमी-रॉमी को खूब डांटा और कहा कि आगे से तुम दोनों को मैंने बाहर घूमते हुए देख
लिया तो बहुत मारूंगी। सिली समझदार थी और अपनी मां का कहना मानती थी।
एक दिन रीबू खाने की तलाश में बाहर निकली तो उसे आसपास कुछ नहीं मिला। वह काफी दूर चली गई। इधर
घर पर टॉमी, रॉमी और सिली चिंता करने लगे। वे घर से बाहर निकल आए और मॉम को आवाज देने लगे। पास
में ही शेरू डॉगी घूम रहा था। उनकी आवाज सुनकर शेरू ने पूछा- क्या बात है बच्चो, क्यों शोर मचा रहे हो। टॉमी
ने कहा- अंकल हमारी मॉम काफी देर से नहीं आई हैं। हमें उनकी बड़ी चिंता हो रही है। शेरू ने कहा- चिंता मत
करो। तुम्हारी मॉम कहीं दूर चली गई होगी, आ जाएगी। थोड़ी देर बाद रीबू खाना लेकर आ गई और तीनों बच्चे
बहुत खुश हुए। शेरू डॉगी का अपने इलाके में बड़ा दबदबा था। कोई भी दूसरे इलाके का डॉगी उसके यहां पर भी
नहीं मार सकता था। एक दिन झोरू-मोरू नाम के दो डॉगी टॉमी-रॉमी के घर के पास आ गये। तीनों बच्चे उन दोंनों
को देखकर डर गए और शोर मचा दिया- शेरू अंकल-शेरू अंकल। इतनी देर में शेरू आ गया और उसने झोरू-मोरू
को वो मजा चखाया कि वे भूलकर भी इस रास्ते नहीं आते थे।
शेरू डॉगी की वजह से रीबू को अब टॉमी, रॉमी और सिली के प्रति डर कम हो गया था। लेकिन उसने तीनों से कह
रखा था कि वे अपने घर के पास ही खेलें, कहीं दूर न जायें, क्योंकि गलियों में बाइक व कारों का इतना ट्रैफिक बढ़
गया है कि कभी भी उन्हें चोट पहुंच सकती है। एक दिन रीबू भी एक कार के नीचे आते-आते बची थी। सड़क के
बीचोंबीच किसी ने कुछ रोटियां रख दी थीं। उन्हें वह उठा ही रही थी कि सामने तेज रफ्तार से चलती कार आ गई
और वह उससे बाल-बाल बची।
रीबू एक दिन किसी काम से बाहर गई हुई थी। टॉमी भूख से व्याकुल हो रहा था। उसने रॉमी और सिली से कहा
कि वह पास की दुकान पर कुछ खाने का समान लेने जा रहा है। थोड़ी देर में आजाएगा। टॉमी को आसपास की
दुकान पर कुछ नहीं मिला तो वह थोड़ा और आगे वाली दुकान की ओर चल दिया। देखने में वह खूबसूरत खरगोश
की तरह लगता था। जिस दुकान के पास टॉमी खड़ा था, उस दुकान पर मोनू अपनी मॉम के साथ घर का सामान
लेने आया था। उसकी निगाह टॉमी पर पड़ी तो वह अपनी मॉम से बोला- मॉम, देखो तो कितना सुन्दर पपी है। इसे
घर ले चलते हैं। मोनू की मॉम ने देखा तो वह खुश हो गईं और मोनू टॉमी पपी को पकड़कर अपने घर ले गया।
मोनू के घर पर सभी लोग टॉमी को देखकर बहुत खुश हुए। लेकिन टॉमी बहुत दुखी था, उसे अपनी मॉम और भाई-
बहनों की याद आ रही थी। उसे क्या पता था कि उसे कोई रास्ते में ही पकड़ लेगा। सोचने लगा कि मां बहुत दुखी
हो जाएगी, लेकिन करता क्या? खूब शोर मचाया, खूब रोया और मोनू व उसकी मॉम को खूब परेशान भी किया,
लेकिन वे लोग तो उसे प्यार ही करते रहे। उसे खूब खाना खिलाते, दूध पिलाते और सुबह-शाम घुमाने को भी ले
जाते।
उधर रीबू ने घर आकर सुना कि टॉमी दुकान से सामान लेने गया था और अभी तक वापस नहीं आया तो वह
परेशान हो उठी। वह तुरंत चल दी। उसने आसपास की सभी दुकानों के चक्कर काटे, सभी डॉगियों से पूछा, लेकिन

टॉमी का कोई पता नहीं लगा। वह थक-हार कर घर आ गई और रोने लगी। उसने खाना-पीना सब छोड़ दिया। अब
वह रात-दिन रोती रहती और हर गली के चक्कर काटती फिरती कि कहीं उसका टॉमी इस गली में ही मिल जाए।
रीबू के गलियों में रोते हुए घूमने से लोगों को अंदाजा हो गया था कि इसका कोई बच्चा खो गया है। रात के समय
गलियों में उसके रोने की आवाज सुनकर लोग दुखी हो जाते..बेचारी कितनी परेशान है अपने बच्चे के लिए। तीन
दिन उसके ऐसे ही रोते-बिलखते गुजरे। चैथे दिन एक गली से जब वह रोते हुए गुजर रही थी तो मोनू और उसकी
मॉम ने सोचा कि यह पपी इसी का ही बच्चा तो नहीं है। वे तुरंत टॉमी को लेकर उसके सामने आए। रीबू ने जैसे
ही टॉमी को देखा तो वह दौड़कर उसके पास आ गई उससे लिपट गई। मां-बेटे के प्यार को देखकर मोनू और
उसकी मॉम के आंसू आ गये। उन्होंने टॉमी को उसकी मॉम को सौंप दिया और उन्हें कुछ खिला-पिला कर खुशी-
खुशी विदा किया।


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