-रेनू सैनी-
एक व्यक्ति प्रसिद्घ सूफी संत शेख सादी के पास पहुंचा और बोला, मेहरबानी करके आप मुझे तालीम दें। इससे पूर्व मैं कई उस्तादों के पास गया, उनकी सोहबत में रहा, लेकिन मेरा दुर्भाग्य समझिए कि मैं अब तक कुछ सीख नहीं पाया। वे मुझे शिक्षा नहीं दे पाए। आगंतुक की बात सुनकर शेख सादी मुस्कुराए और बोले, तालीम तो मैं तुम्हें दे दूंगा लेकिन इसके लिए तुम्हें मेरी हर बात माननी होगी।
शिक्षा की इच्छा लिए उस व्यक्ति ने हां कर दी। शेख सादी उसे शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ कठोर नियम में रखते। उस व्यक्ति का किसी काम में मन न लगता। एक महीने बाद वह व्यक्ति वहां से भागने के लिए सोचने लगा। उसने सोचा कि मैं अच्छा यहां आ फंसा। न ही मैं गुरुजी से तालीम की बात करता और न ही यहां फंसता। इससे तो मैं अशिक्षित ही भला था। वैसे भी जब इतने बड़े-बड़े उस्ताद मुझे शिक्षित नहीं कर पाए तो मात्र यहां रहकर मैं कैसे शिक्षित हो जाऊंगा? वह रात्रि में वहां से भागने लगा।
तभी उसे संत शेख सादी की आवाज सुनाई पड़ी, क्या हुआ युवक? कहां चल दिए? क्या शिक्षा ग्रहण नहीं करनी। उनकी आवाज सुनकर युवक रुक गया और सिर झुकाकर खड़ा हो गया। फिर शेख सादी उसके पास आए और बोले, तुम तो तालीम हासिल करना चाहते थे न, फिर क्या हुआ? अब तालीम हासिल करने की इच्छा नहीं है।
यह सुनकर युवक रुआंसा होकर बोला, शायद मेरा दिमाग ही ऐसा नहीं है कि वह तालीम हासिल कर सके। उसकी बात सुनकर शेख सादी बोले, बेटा! कमी तुम्हारे दिमाग में नहीं बल्कि तुम्हारी एकाग्रता और लगन में है। यदि तुम मन लगाकर काम करो तो कुछ ही समय में शिक्षा प्राप्त कर लोगे किंतु यदि तुमने एकाग्रता और लगन से काम नहीं किया तो फिर तुम शिक्षा तो क्या कोई भी काम नहीं कर पाओगे। हर काम की सफलता के लिए एकाग्रता और लगन का होना आवश्यक है, फिर वह चाहे शिक्षा हो या रोजगार। अब फैसला तुम्हें करना है कि तुम एकाग्रता और लगन से तालीम हासिल करना चाहोगे या एकाग्रहीन होकर ऐसे ही दर-दर ठोकरें खाना पसंद करोगे जैसे अब खा रहे हो।
यह सुनकर युवक सोचने पर मजबूर हो गया और उसने शेख सादी से क्षमा मांगते हुए कहा, गुरुजी, मुझे पता चल गया कि मैं अभी तक अपने जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफल क्यों नहीं हो सका? मैं आज से बल्कि अभी से हर काम को पूरी एकाग्रता और लगन से करूंगा और शीघ्र ही आपकी छत्र-छाया में रहकर बेहतर तालीम हासिल करूंगा। शेख सादी ने युवक को गले से लगा लिया।