अंतरिक्ष की बहन

asiakhabar.com | August 4, 2021 | 5:27 pm IST

अंतरिक्ष के पास एक नीले रंग की शार्क थी। कई बार जब वह सोता तो उसका तकिया बना लेता। सब
हंसते कि शार्क का तकिया किसी ने सुना है। मम्मी ने उसका नाम रखा था-ब्यूटी। जब अंतरिक्ष किसी
चीज को खाने से ना-नुकुर करता तो मम्मी कहतीं, देखो ब्यूटी कितनी अच्छी है। वह तो किसी चीज को
खाने से मना नहीं करती। या वह कहतीं, चलो मैं सब कुछ ब्यूटी को खिला दूंगी। फिर वह मेरी बेटी हो
जाएगी। मैं उसे तुम से भी ज्यादा प्यार किया करूंगी। चाहे ब्यूटी अंतरिक्ष की कितनी पक्की दोस्त थी,
मगर मम्मी तो आखिर उसकी थीं। उन पर तो उसी का पूरा अधिकार था। ब्यूटी को कहीं मम्मी अपनी
बेटी न बना लें, इस डर से अंतरिक्ष जल्दी से सब कुछ खा लेता। एक दिन ब्यूटी ने कहा, अंतरिक्ष, मुझे
तो पता नहीं मेरी मम्मी कैसी थीं? कहां रहती थीं? तो अगर मैं तुम्हारी मम्मी को ही मम्मी कहने लगूं?
अंतरिक्ष ने उसकी बात का जबाव नहीं दिया। अब ब्यूटी भी उसकी मम्मी को मम्मी पुकारने लगी।
एक रात की बात, टीवी पर एक फिल्म चल रही थी। उसमें समुद्र में तैरने वाली ढेरों शार्क दिखाई दे रही
थीं। उन्हें देख अंतरिक्ष ने पूछा, अरे वे सब क्या तुम्हारे भाई-बहन हैं? तुम्हारा घर कितना सुंदर है। मुझे
ले चलो न अपने घर। मैं भी तैरूंगा वहां उनकी तरह।
ब्यूटी ने कुछ नहीं कहा। लेकिन अंतरिक्ष ने देखा कि वह रो रही है।
तुम क्यों रो रही हो? उसने पूछा।
इसलिए कि मैंने तो अपना घर खुद ही नहीं देखा। पता नहीं मेरे मम्मी-पापा या भाई-बहन कैसे हैं? मैं
उनकी तरह समुद्र में पैदा थोड़े ही हुई हूं। मेरा जन्म तो फैक्ट्री में हुआ था। मैंने तो यह भी नहीं देखा
कि समुद्र कैसा होता है?
अंतरिक्ष की समझ में नहीं आया कि ऐसा कैसे होता होगा कि कोई अपनी मम्मी को कभी न देखे। वह
ब्यूटी के ऊपर लेट गया, कोई बात नहीं, मगर मैं तो तुम्हारा दोस्त हूं न। मेरी मम्मी भी तुम्हारी मम्मी
हैं। एक दिन मैं तुम्हें तुम्हारी मम्मी से मिलवाने ले चलूंगा। उसकी बात सुनकर ब्यूटी हंसी तो उसके
बड़े-बड़े दांत दिखे। मगर अंतरिक्ष को वह बहुत सुंदर लगी।

अब जब भी अंतरिक्ष के मम्मी-पापा कहते कि घूमने चलें,
तो वह जिद पकड़ लेता कि उसे ब्यूटी को उसके मम्मी-पापा से मिलवाना है।
मम्मी-पापा सोचते कि क्या करें? एक दिन वे उसे उस दुकान पर भी ले गए, जहां से ब्यूटी को खरीदा
था। लेकिन अंतरिक्ष तो समुद्र के पास जाना चाहता था, जहां ब्यूटी के घर वाले रहते थे।
तब मम्मी-पापा ने नए साल पर कोलम्बो जाने का प्लान बनाया। अंतरिक्ष यात्रा में ब्यूटी को भी ले
गया। उस छोटे से बच्चे के हाथ में इतनी बड़ी शार्क देखकर सब हंसते। समुद्र किनारे वह खूब दौड़ा-
भागा। ब्यूटी के साथ खेला, मगर वहां उसे उसका कोई भी भाई-बहन नजर नहीं आया। कई समुद्र तटों
पर वे गए। एक दिन मम्मी ने ब्यूटी से पूछा, तुम अपने भाई-बहन की तलाश में यहीं रहोगी या हमारे
साथ वापस चलोगी?
ब्यूटी बोली, मां, मेरा सबसे प्यारा भाई तो अंतरिक्ष ही है। उसे छोड़कर तो मैं एक पल भी नहीं रह
सकती।
मम्मी ने प्यार से उसे थपथपाया। अंतरिक्ष ने उसे जोर से पुकारा, ब्यूटी दीदी। ब्यूटी दीदी। अब वे वापस
अपने घर लौट रहे थे। दूर तक लहराता नीला समुद्र पीछे छूट रहा था।


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