संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) कर्मियों के खिलाफ जुलाई से सितंबर के बीच यौन उत्पीड़न के 31 मामले दर्ज किए गए हैं। ये मामले पिछले करीब तीन साल के हैं। इनमें करीब आधे यूएन शरणार्थी एजेंसी के कर्मियों के खिलाफ हैं।
यूएन प्रवक्ता स्टीफन दुजार्रिक ने बताया कि इन सभी आरोपों की जांच नहीं की गई है। कुछ मामलों की जांच प्रारंभिक दौर में है। तीन महीने की अवधि के दौरान 14 मामले की जांच शुरू की गई और एक मामला सही पाया गया है।
यौन उत्पीड़न के 31 मामलों में से 12 में शांति सेना अभियान से जुड़े सैन्यकर्मी शामिल हैं। ये सैन्यकर्मी सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक और माली समेत कई देशों में तैनात हैं। गैर सैन्यकर्मियों में यूएन शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के कर्मचारियों के खिलाफ 15 मामले हैं।
तीन मामले इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आइओएम) और एक मामला यूएन चिल्ड्रेंस फंड (यूनिसेफ) के कर्मचारियों खिलाफ है। दशकों से हैती से लेकर दारफुर तक यूएन के सैनिक और गैर सैनिक कर्मियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले मीडिया और यूएन रिपोर्ट में सामने आए हैं।
हाल के समय में सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में शांति सेना अभियान को लेकर ऐसे आरोप सुर्खियों में रहे हैं। दुजार्रिक ने कहा कि आरोपों को लेकर जनवरी में नए तरह के डाटा इकट्ठा करने की प्रणाली शुरू की गई। यह यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में पारदर्शिता बढ़ाने के यूएन की पहल का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हम कुछ पहले के आरोपों को देख रहे हैं।