इस्लामाबाद। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने अपदस्थ विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ को अयोग्य ठहराने वाले उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले महीने उन्हें इस आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया था कि 2013 में चुनाव लड़ने के समय उनका संयुक्त अरब अमीरात स्थित एक कंपनी के साथ रोजगार करार था।
फैसले के कुछ घंटे बाद निर्वाचन आयोग ने नेशनल असेंबली से आसिफ की सदस्यता खत्म कर दी थी जिससे उन्हें विदेश मंत्री के पद से अपदस्थ होना पड़ा था। उन्होंने फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी जहां न्यायमूर्ति उमर अत्ता बंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। आसिफ ने अपने वकील मुनीर मलिक के माध्यम से अदालत से कहा कि अपील पर फैसला होने तक आदेश पर स्थगन दिया जाए।
पीठ ने आग्रह को मानने से इनकार कर दिया और इसकी जगह पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के नेता उस्मान डार सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए। डार की याचिका पर ही आसिफ को अयोग्य ठहराया गया था। अदालत ने बाद में मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।