कुआलालंपुर। मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से दो महीने पहले ही संसद भंग कर आम चुनाव कराने का रास्ता साफ कर दिया है। नजीब ने शुक्रवार को कहा,”सुल्तान मुहम्मद की अनुमति से संसद शनिवार को प्रभावी रूप से भंग हो जाएगी। अगर हमारी पार्टी बारिसन नेशनल जीत कर आती है तो मैं वादा करता हूं कि हम देश को अधिक समावेशी और विकास देंगे।”
हालांकि करोड़ों के घोटाले के आरोपों से घिरे 64 वर्षीय नजीब के लिए यह चुनाव आसान नहीं है। क्योंकि इसमें पूर्व प्रधानमंत्री और नजीब के गुरु महाथिर मुहम्मद भी उनके खिलाफ मैदान में होंगे। वे देश के सबसे अनुभवी राजनीतिक नेताओं में से एक हैं। इसलिए नजीब का इस बार चुनाव जीतना थोड़ा मुश्किल भरा दिख रहा है।
मलेशिया की जनता जहां देश में बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार से नाराज है वहीं 92 साल के महाथिर भी एक नई चुनौती के रूप में नजीब के सामने हैं। लेकिन इन सबके बीच नजीब के लिए एक अच्छी खबर यह है कि विरोधी खेमा बंटा हुआ है। विपक्ष में महाथिर और पैन-मलेशियन इस्लामिक पार्टी हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि असली टक्कर नजीब और महाथिर के बीच ही होने वाली है। महाथिर प्रधानमंत्री पद पर 1981 से 2003 तक रहे। इन 22 साल के दौरान इन्होंने मलेशिया को एक औद्योगिक देश के रूप में बदल दिया।