अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक सूक्ष्म रोबोट विकसित करने में सफलता पाई है। इसे शिशु के शरीर में प्रत्यारोपित किया जा सकता है जो जन्म के समय की दुर्लभ विकृति इसोफेगल एट्रिसिया को ठीक कर सकता है। यह एक आनुवांशिक रोग है। इस विकृति के चलते खाने की नली प्रभावित हो सकती है। अमेरिका के बोस्टन चिल्ड्रेन्स अस्पताल के शोधकर्ताओं ने यह प्रोटोटाइप रोबोटिक इंप्लांट विकसित किया है।
यह शिशुओं में टिश्यू वृद्धि को प्रेरित कर सकता है। यह रोबोट एक छोटा उपकरण है जिसे भोजन की नली में दो छल्लों की मदद से जोड़ा जाता है। इसके बाद इसमें लगा मोटर सेल्स को प्रेरित करने का काम करता है। दो सेंसर के उपयोग से यह रोबोट टिश्यू वृद्धि पर नजर रख सकता है।