स्वीडन। स्वीडन के राजा ने अपने 5 ग्रैंडचिल्ड्रन (2 पोते, बेटी के 3 बच्चों) को
देश के शाही घराने से निकाल दिया है। इसका अर्थ है कि अब से शाही घराने के इन सदस्यों को देश के
करदाताओं के पैसे से मिलनेवाली किसी सुविधा का हक नहीं होगा। किंग कार्ल 16वें गुस्ताफ ने घोषणा
करते हुए कहा कि उनके पोते-पोतियां अब कोई आधिकारिक दायित्व नहीं निभाएंगे। हालांकि, उन सभी
के पास ड्यूक सैंड डचेज का टाइटल सुरक्षित रहेगा। बता दें कि स्वीडन और यूके में लंबे समय से शाही
खर्चों को कम करने की मांग चल रही है।
राजा के इस कदम का असर उनके बेटे के 2 बच्चों और बेटी के 3 बच्चों पर पड़ेगा। राजा के बेटे प्रिंस
कार्ल फिलिप के 2 बच्चों और उनकी बेटी राजकुमारी मैडेलिन के 3 बच्चों को अब शाही घराने की
सुविधाएं नहीं मिलेंगी, लेकिन ड्यूक टाइटल सुरक्षित रहेगा। क्राउन प्रिंसेज विक्टोरिया राजा की सबसे बड़ी
बेटी हैं और उन्हें ही उत्तराधिकारी माना जा रहा है। उनके पति और 2 बच्चों पर इस फैसले का कोई
असर नहीं होगा और वह पहले की स्थिति में ही रहेंगे।
शाही मामलों के विशेष जानकार रोजर लुंडग्रेन ने कहा कि यह फैसला शाही घराने के सदस्यों को बढ़ती
संख्या को ध्यान में रखकर लिया गया है। उन्होंने कहा, कुछ साल पहले ही संसद ने ऐलान किया था
कि राजशाही से जुड़े नियमों का फिर से मूल्यांकन किया जाएगा। इनमें खास तौर पर शाही सदस्यों की
संख्या निर्धारण भी था।
राजकुमारी मैडलिन और राजकुमार कार्ल फिलिप ने इंस्टाग्राम पर इस ऐलान का स्वागत किया।
राजकुमारी मैडलिन ने इंस्टाग्राम पर लिखा, यह घोषणा हमारे लिए खुशी की बात है। लंबे समय से इस
पर विचार चल रहा था।उन्होंने यह भी लिखा कि अब उनके बच्चों के निजी जीवन पर इसका
सकारात्मक असर पड़ेगा और उन्हें अपने मेहनत के दम पर पहचान बनाने का मौका मिलेगा। प्रिंस कार्ल
फिलिप ने कहा कि अब उनके दोनों बेटों को जिंदगी में स्वतंत्र तरीके से निर्णय लेने का अवसर मिलेगा।