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राजीव गोयल
कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का कहना है कि स्विस दूतावास की कर्मचारी
के तथाकथित अपहरण मामले में वह खुद पीड़ित बन गए हैं। गौरतलब है कि श्रीलंका स्थित स्विस दूतावास की
एक कर्मचारी का तथा कथित रुप से अपहरण हो गया था और दूतावास से जुड़ी जानकारी पाने से लिए उसे
धमकाया गया और उसका यौन शोषण भी किया गया। राजपक्षे ने गुरुवार को कहा कि इस तथा कथित अपहरण के
संबंध में तथ्य स्थापित होने के पहले ही खबर विदेशी मीडिया में आ गई और आलोचकों ने उनकी सरकार को
इसके लिए जिम्मेदार बता दिया। विदेशी मीडिया पर एक टिप्पणी में राजपक्षे ने कहा, ‘‘अब यह बिल्कुल स्पष्ट है।
वास्तव में इस मामले में मैं पीड़ित हूं, वह महिला नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बात एकदम स्पष्ट है कि यह मुझे और
मेरी सरकार को बदनाम करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से किया गया था।’’ राजपक्षे ने कहा, ‘‘वर्षों से वे सफेद
वाहनों और तमाम अपहरणों की बातें कर रहे हैं। अब वह कहना चाहते हैं कि मेरे निर्वाचन के तुरंत बाद ऐसी
घटना हो रही है।’’ स्विस विदेश मंत्रालय ने 25 नवंबर को हुए स्विस दूतावास कर्मचारी के तथाकथित अपहरण को
‘‘बेहद गंभीर और अस्वीकार्य हमला’’ बताया और श्रीलंका के राजदूत को समन कर जांच की मांग की है। उसने
मामले में तय प्रक्रिया की कमी की भी आलोचना की है। पुलिस ने दूतावास की कर्मचारी को सरकार की छवि खराब
करने वाला बयान देने और झूठे साक्ष्य पेश करने के आरोपों में हिरासत में लिया है। राजपक्षे का कहना है कि
जांचकर्ताओं को जो भी साक्ष्य मिले हैं वह महिला की कहानी में कहीं सही नहीं बैठते।