काइरो। शोधकर्ताओं ने नई प्रजाति के डायनासोर का जीवाश्म ढूंढ़ने में सफलता हासिल की है। मिस्त्र स्थित मंसूरा यूनिवर्सिटी वर्टीब्रेट पैलियोनटलॉजी (एमयूवीपी) के अभियान दल को सहारा क्षेत्र में की गई खोदाई के दौरान मानसाउरोसोरस नामक डायनासोर का जीवाश्म मिला है।
लंबी गर्दन वाला यह डायनासोर शाकाहारी है। इसका आकार किसी स्कूल बस के बराबर है। वहीं शरीर में कई जगह हड्डीनुमा प्लेट धंसी हुई है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि नई खोज से मिस्त्र और अफ्रीका में मिले जीवाश्मों के अध्ययन में सहायता मिलेगी। शोध में इस डायनासोर की कई विशेषताएं यूरोप और एशिया में मिले डायनासोर से मिलती जुलती पाई गईं। इसका मतलब है कि पृथ्वी से विलुप्त होने के आखिरी सालों में कुछ डायनासोर अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका से निकलकर यूरोप तक पहुंच गए थे। इससे प्राचीन काल में अफ्रीका और यूरोप के संबंधों की जानकारी प्राप्त होगी।
अमेरिका स्थित ओहियो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक प्रो. गोर्सेक ने बताया कि मानसाउरोसोरस लंबी गर्दन वाले डायनोसोर समूह “टिटैनोसोरिया” का जीव था। टिटैनोसोरिया 14.5 से 6.6 करोड़ वर्ष पूर्व क्रेटासीयस काल में पाए जाने वाले प्रमुख डायनासोर थे।
इसी काल में डायनासोर की विलुप्ति शुरू हो गई थी। नई प्रजाति के डायनासोर के शरीर के लगभग सभी अंगों का जीवाश्म प्राप्त हुआ है। इससे अफ्रीका में क्रेटासीयस काल के दौरान होने वाली घटनाओं और जीवों के बारे में कई अहम और रोचक जानकारियां मिल सकती हैं।