बीजिंग। चीन में सेना के अस्पताल में सोमवार को जाने-माने वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता ली बाईगुआंग की अचानक मौत से कई सवाल खड़े हो गए हैं। ली के रिश्तेदार बॉब फू के अनुसार, ली सोमवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अस्पताल नंबर-81 में भर्ती हुए थे। उन्हें पेट में मामूली दर्द था। भर्ती होने के कुछ ही घंटों बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फू ने कहा, “सरकार को ली की संदिग्ध और रहस्यमय मौत की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
सेना के अस्पताल का कहना है कि ली के लिवर में कुछ समस्या थी, जिसकी वजह से मौत हुई। चीन में ज्यादातर मामलों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की इसी तरह मौत का इतिहास रहा है। किसानों और पादरियों के हक की आवाज उठाने के कारण उन्हें 2008 में वाशिंगटन स्थित नेशनल एंडोवमेंट फॉर डेमोक्रेसी (एनईडी) ने पुरस्कृत किया था। एनईडी ने ली की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग की है। एनईडी ने कहा है, “ली को कई बार नजरबंद और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया क्योंकि उन्होंने किसानों के अधिकारों की वकालत की थी।” पिछले साल अक्टूबर में सादे कपड़ों में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें कथित रूप से बुरी तरह पीटा था।