वॉशिंगटन। सिख कार्यकर्ताओं के एक समूह ने 2011 में धार्मिक भेदभावपूर्ण नीतियों का
कथित रूप से बचाव करने के लिए डेमोक्रेट कमला हैरिस से एक ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से माफी मांगने
को कहा है। भारतीय मूल की अमेरिकी कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की
दावेदार हैं। गौरतलब है कि 2011 के नियम के अनुसार, जेल के सुरक्षा कर्मियों को धार्मिक कारणों से भी दाढ़ी
मिलने की छूट नहीं मिल रही थी, हालांकि उन्हें स्वास्थ्य कारणों से उन्हें छूट मिल रही थी। एक बयान के अनुसार,
इन सिख कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल रहते हुए हैरिस ने दाढ़ी नहीं रखने
की इस नीति का बचाव किया था। नीतिगत बदलाव के बगैर 2011 में जिन मुकदमों का निपटारा हुआ, उन्हें लेकर
अमेरिकी विधि विभाग को सिविल अधिकार मामलों की जांच शुरू करनी पड़ी। कैलिफोर्निया के सिखों की लॉबिंग
की वजह से अगले साल कार्यस्थल पर ज्यादा धार्मिक छूट देने वाली नीति बनी। याचिका से जुड़े एक वकील
राजदीप सिंह जॉली ने कहा, ‘‘कमला हैरिस अपने प्रतिद्वंदियों को सिविल अधिकारों पर भाषण दे रही हैं, लेकिन
उन्हें कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल के रूप में अमेरिकी सिखों के अधिकारों के साथ खेलने के लिए माफी मांगनी
चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि हैरिस ने उस वक्त भी अमेरिकी सिखों को धार्मिक आजादी नहीं दी जब राष्ट्रपति बराक
ओबामा इस दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाने पर विचार कर रहे थे।