सिंगापुर। सिंगापुर में आयोजित 12 दिवसीय एक कला उत्सव में करीब 100 स्थानीय कलाकार कर्नाटक और हिंदुस्तानी संगीत, भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी और ओडिसी सहित भारत की विभिन्न कला शैलियों को प्रस्तुत कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन ‘इंडियन फाइन आर्ट्स सोसाइटी (एसआईएफएएस)’ ने किया है।
एसआईएफएएस में प्रस्तुतियों एवं बाह्य संबंधों के अध्यक्ष पुनीत पुष्कर ने कहा, ‘‘‘फेस्टिवल ऑफ आर्ट’ 2023 दर्शाता है कि कलाकार किस प्रकार कुछ नया कर सकते हैं, सीमाओं से पार जा सकते हैं और अपनी कला को निखार सकते हैं तथा साथ ही वे मनोरंजक, पवित्र और भावपूर्ण भी बने रह सकते हैं।’’
पुष्कर ने कहा कि पारंपरिक कला प्रारूपों को प्रोत्साहित करने वाले एसआईएफएएस का उद्देश्य युवा पीढ़ी के लिए प्रासंगिक बने रहना है।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दो साल इस उत्सव का आयोजन नहीं हो पाया था। इस बार 20 अप्रैल से एक मई तक इसका आयोजन किया जा रहा है, जिसमें संगीत और नृत्य समेत विभिन्न कला प्रारूपों की प्रस्तुति दी जा रही है।
‘कल्पना- अतीत में झांककर भविष्य की कल्पना करना’ विषय पर आधारित इस उत्सव में लगभग 100 स्थानीय कलाकार कर्नाटक और हिंदुस्तानी संगीत, भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी और ओडिसी सहित विभिन्न कला शैलियां प्रस्तुत कर रहे हैं।