सिंगापुर की अदालत ने भारतीय नागरिक के 73,000 अमेरिकी डॉलर के दावे के पक्ष में फैसला सुनाया

asiakhabar.com | August 18, 2023 | 3:37 pm IST
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सिंगापुर। सिंगापुर में एक भारतीय नागरिक के देश में उसकी नियोक्ता कंपनी से 73,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक के दावे पर उसके पक्ष में फैसला सुरक्षित कर लिया गया है। व्यक्ति जिस वाहन से जा रहा था उससे उतरते समय उसके पैर की हड्डी टूट गई थी।
आरोप है कि कंपनी रामलिंगम मुरुगन और अन्य श्रमिकों को उनके कार्यस्थल तक पहुंचाने वाले वाहन से उतरने की सुरक्षित प्रणाली प्रदान करने में विफल रही।
‘चैनल न्यूज एशिया’ की खबर के अनुसार, अदालत के फैसले की प्रति बृहस्पतिवार को उपलब्ध हुई। जिला न्यायाधीश तान मे ती ने मुरुगन के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि इससे हुई क्षति का आकलन अगले चरण में किया जाएगा।
मुरुगन के वकील मोहम्मद अशरफ सैयद अंसाराय ने चैनल को बताया कि उनके मुवक्किल ने क्षति के एवज में करीब 73,400 अमेरिकी डॉलर की मांग की है।
अंसारी ने कहा कि न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि लॉरी में चढ़ने और उतरने के लिए भी एक सुरक्षित कार्य प्रणाली की आवश्यकता है। कंपनी ने दलील दी थी कि यह एक आसान कार्य होता है और इसके लिए किसी सुरक्षित प्रणाली की जरूरत नहीं होती।
मुरुगन (37) तीन जनवरी, 2021 को दुर्घटना के समय समुद्री जहाज मरम्मत की कंपनी ‘रीगल मरीन सर्विस’ में स्टील के ढांचे और जहाज के पेंटर के रूप में कार्य करता था। घटना वाले दिन सुबह करीब सात बजे वह अपने आवास से लॉरी से 11ए जू यी रोड स्थित कंपनी परिसर गया था। 12 फुट की इस लॉरी में 24 कर्मी सवार थे।
मुरुगन ने कहा कि घटना वाले दिन जबरदस्त बारिश हो रही थी और कर्मचारी दूसरी लॉरी में चढ़ने के लिए जल्दी में थे ताकि वे बारिश से बच सकें।
उसने बताया कि लॉरी से उतरने वाला वह चौथा शख्स था और लॉरी के टेलबोर्ड (सामान ढोने और उतारने के लिए बना ढांचा) को नीचे नहीं गिराया गया था। उतरने की जल्दबाजी में संभवत: किसी अन्य सहकर्मी या सहकर्मियों का धक्का लगने से उसका संतुलन बिगड़ गया और वह झटके से नीचे गिर गया तथा उसके पैर में चोट आई।
इसके बाद उसके साथी उसे कार्यशाला ले गए और फिर उसे उसके आवास पहुंचाया। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसका ऑपरेशन हुआ और वह करीब पांच महीने तक चिकित्सा के आधार पर छुट्टी पर रहा।
मुरुगन की कंपनी ने कहा कि दुर्घटना उसकी लापरवाही और कर्तव्य में ढिलाई की वजह से हुई। कंपनी ने उसके चिकित्सकीय खर्च के दावे को वहन करने से भी इनकार कर दिया और उसे चिकित्सा के आधार पर ली गई छुट्टी के दौरान वेतन देने से भी इनकार किया।
साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने कंपनी की दलील को मानने से इनकार कर दिया और मुरुगन के पक्ष में फैसला सुनाया।


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