लंदन। ग्रेटर मैनचेस्टर के स्टॉकपोर्ट में रहने वाली बेथ गुडियर जब 16 साल की थी और अपने 17वें बर्थ डे के एक दिन पहले जब वह सोफे पर सोई तो सोई रह गई। हर कोई उसे देखकर दंग था। वह छह महीने तक जागी ही नहीं। अब 22 साल की हो चुकी बेथ गुडियर वास्तव में क्लाइन-लेविन सिंड्रोम (केएलएस) की मरीज हैं। इस बीमारी में मरीज सोता ही रहता है, इसलिए इसे स्लीपिंग ब्यूटी सिंड्रॉम भी कहते हैं।
नवंबर 2011 में वह इस बीमारी की चपेट में आई और महीनों तक सोती रहीं। बेथ छह माह तक नहीं जागीं। इस बीच उन्हें यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पूरी करके एक बाल मनोचिकित्सक का कोर्स पूरा करना था, लेकिन बीमारी के कारण ऐसा नहीं हो पाया। छह महीने बाद जागने के बाद बेथ नींद से करीब 22 घंटे नहीं जागती थीं। इस नींद के दौरान उनकी दो एक घंटे के लिए जागती थीं तब भी वह आधी नींद में ही रहती थीं। यानी अधिकांश समय उसका नींद में ही जाता था और जागती भी थी तो भी नींद के आगोश में ही महसूस होती थी।
मां जैनिन का कहना है कि इन पांच सालों में उनकी बेटी का 75 फीसदी समय सोने में गया है। जैनिन के मुताबिक उसके जागने और फिर सो जाने का कोई समय नहीं है। बेथ जागती है तो मुश्किल से दो सप्ताहों तक ही जागती है और इसके बाद कभी भी, कहीं भी सो जाती है। उसका ख्याल रखने के लिए उसका बॉयफ्रेंड डैन है जोकि एक प्राइमरी टीचर है। मां भी नौकरी करती है।
बेथ अभी भी ढाई महीने से लगातार सो रही है। बेथ घर से कहीं बाहर नहीं जा पाती है। जब कभी उसे डॉक्टर के पास ले जाता है तो वह व्हील चेयर में होती है।
गौरतलब है कि ब्रिटेन में सौ से अधिक लड़कियां हैं जिनका इस बीमारी का इलाज किया जा रहा है। इस बीमारी के होने का कारण डॉक्टरों को ज्ञात नहीं है। लेकिन सामान्य रूप से टीनेजर इसका शिकार बनते हैं। यह बीमारी करीब 16 वर्ष की उम्र में शुरू होती है और करीब 13 वर्ष तक चलती है।