रियाद। सऊदी अरब में न्याय की तलवार 11 राजकुमारों सहित कई पूर्व मंत्रियों पर चली है। भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई है। किंग अब्दुलअजीज बिन सऊद ने प्रिंस मितेन बिन अब्दुल्ला को भी पद से हटा दिया।
वह नेशनल गार्ड के मुखिया का अहम जिम्मेदारी वाला पद संभाल रहे थे। साथ ही छुट्टी पर चल रहे नौसेना प्रमुख और वित्त मंत्री को भी पद से हटा दिया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों के नाम जारी नहीं किए गए हैं।
अल-अरबिया न्यूज चैनल के मुताबिक, 2009 में जेद्दा में आई बाढ़ और 2012 में वायरस इन्फेक्शन फैलने के मामलों की जांच नए सिरे से शुरू की गई है। इसके तहत भ्रष्टाचार की जांच के लिए नई कमेटी बनाए जाने के 4 घंटे के अंदर ही यह कार्रवाई की गई है।
सऊदी अरब के उलेमा की शीर्ष परिषद ने बयान जारी कर कहा है कि यह इस्लामिक जिम्मेदारी है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाए। सरकार का कहना है कि एंटी करप्शन कमेटी को इस बात का हक है कि वह लोगों को गिरफ्तारी का वारंट जारी कर सके, लोगों के बैंक खाते सीज कर सके और उन पर पाबंदी लगा सके।
यह कमेटी फंड की भी जांच कर सकती है, साथ ही फंड के ट्रांसफर पर भी रोक लगा सकती है। कमेटी ऐसे फैसले तब तक ले सकती है, जब तक यह मामला न्यायपालिका के पास नहीं जाता। इस कमेटी की अगुआई क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान कर रहे हैं। उन्हें अरेस्ट वॉरन्ट जारी करने या ट्रैवल बैन करने का हक है।