संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की नव नियुक्त राजूदत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड
ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से म्यांमा सेना पर लोकतंत्र बहाल करने के लिए ‘‘दबाव बढ़ाने’’ की अपील
की और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के विश्व को फिर से जोड़ने तथा अमेरिका को दोबारा नेतृत्व करने
वाला देश बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
मार्च में सुरक्षा परिषद की अमेरिका द्वारा अध्यक्षता के पहले दिन उन्होंने कई वैश्विक मुद्दों पर बात की।
उन्होंने यह भी कहा कि बाइडन प्रशासन ईरान के पिछले सप्ताह उसके परमाणु केन्द्रों पर अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण
रोकने से ‘‘हताश’’ है।
अमेरिका एक मार्च से सुरक्षा परिषद का नेतृत्व कर रहा है।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह एक मौका था, जिसे उन्होंने खो दिया है
और हम उम्मीद करते हैं कि वे इस पर पुन: विचार करेंगे।’’
ग्रीनफील्ड ने बताया कि बाइडन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ‘‘ ईरान के पास कभी परमाणु हथियार नहीं
होंगे’’ और यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर ईरान 2015 परमाणु समझौते को ‘‘पूरी तरह’’ बहाल करता है तो
‘‘अमेरिका भी ऐसा करने को तैयार है।’’
तेहरान ने अमेरिका और समझौते में शामिल अन्य देशों के साथ बैठक करने के यूरोपीय संघ के प्रस्ताव को
ठुकरा दिया है।
उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया की बात करें तो वह अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वहां के
नेता किम जोंग-उन को परमाणु हथियार कम करने के लिए राजी करने के असफल प्रयासों से पहले सुरक्षा
परिषद के बड़े प्रतिबंधों का सामना कर रहा था।
ग्रीनफील्ड ने कहा कि उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए वैश्विक खतरा बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका का ‘‘ उत्तर कोरिया को उस लक्ष्य की ओर ले जाने में बड़ा हित है’’ ताकि उसके
उकसावे या बल के इस्तेमाल से बचा जा सके और सबसे बड़ा हित ‘‘ अमेरिकी लोगों और हमारे सहयोगियों को
सुरक्षित रखना है..।’’
ग्रीनफील्ड ने कहा कि बाइडन प्रशासन उत्तर कोरिया के लिए अमेरिकी नीति की समीक्षा कर रहा है और देश
पर परमाणु निरस्त्रीकरण होने का दबाव बनाता रहेगा।
पश्चिम एशिया के बारे में बात करते हुए ग्रीनफील्ड ने कहा कि युद्धग्रस्त यमन में मानवीय स्थिति ‘‘ बेहद
खराब’’ है और उसकी अध्यक्षता में 11 मार्च को हस्ताक्षर कार्यक्रम ‘‘संघर्ष के कारण उत्पन्न हुई भुखमरी और
यमन तथा इथियोपिया में भुखमरी की स्थिति पर होगा।’’
ग्रीनफील्ड ने एक फरवरी को म्यांमा में सेना के तख्तापलट पर और देश में सेना के खिलाफ जारी मौजूदा
प्रदर्शन के मद्देनजर म्यांमा के लोगों के प्रति एक बार फिर अमेरिकी समर्थन दोहराया और कहा, ‘‘ हम
मजबूती से उनके साथ खड़े हैं। हम दबाव भी बढ़ाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि केवल न्यूयॉर्क को ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर म्यांमा सेना को अपने तख्तापलट को
वापस लेने और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार बहाल करने के लिए दबाव बनना चाहिए।