ढाका/लंदन। बांग्लादेश में अराजकता और हिंसात्मक प्रदर्शन के बीच शेख हसीना के देश छोड़ने से पहले हसीना की अवामी लीग के कई शीर्ष नेता और सांसद तथा कैबिनेट मंत्री उनके जाने से पहले ही देश छोड़कर चले गए थे। वहीं पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद और पूर्व राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक को मंगलवार को देश छोड़ने की कोशिश करते समय ढाका हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया। हालांकि यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री हसीना ने अचानक पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया था। हसीना सोमवार को बांग्लादेशी वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य विमान से भारत पहुंचीं।
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार ने हवाई अड्डा विमानन सुरक्षा (एवीएसईसी) के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि महमूद दिल्ली जाने वाली उड़ान पकड़ने के लिए ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गए थे। अधिकारी ने बताया कि उन्हें बांग्लादेश छोड़ने की कोशिश करते समय हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया। महमूद हसीना सरकार में विदेश मंत्री थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व विदेश मंत्री ने पहले भारत से सटे एक भूमि बंदरगाह के माध्यम से निकलने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
महमूद को हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटे पहले ही राज्य के पूर्व दूरसंचार मंत्री जुनैद अहमद पलक को हवाई अड्डा अधिकारियों द्वारा देश छोड़ने से रोक दिया गया था। इससे पहले की मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि हसीना की अवामी लीग के कई शीर्ष नेता और सांसद तथा कैबिनेट मंत्री उनके जाने से पहले ही देश छोड़कर चले गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, अवामी लीग के महासचिव तथा पूर्व सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कादिर ने रविवार रात को ही देश छोड़ दिया था। पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक हसीना के इस्तीफे से पहले ही देश छोड़कर अज्ञात स्थान पर चले गए। हसीना के निजी सलाहकार तथा सांसद सलमान एफ. रहमान भी रविवार रात देश छोड़कर चले गए।
रहमान के सहयोगियों ने उनके देश छोड़ने की जानकारी दी लेकिन वे यह पुष्टि नहीं कर सके कि वह किस देश के लिए रवाना हुए।
ढाका दक्षिण शहर निगम के महापौर और हसीना के भतीजे शेख फजले नूर तपोश शनिवार सुबह बिमान की उड़ान से ढाका से रवाना हुए। विमानन सूत्रों ने बताया कि वे सिंगापुर जाने वाले विमान में सवार हुए। इसके अलावा, अवामी लीग के कई वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्रियों के अलावा उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश मोहम्मद बदरुज्जमां भी देश छोड़कर जा चुके हैं।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष ए.एम. महबूब उद्दीन खोकन ने भारत से हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना को गिरफ्तार करने और उन्हें बांग्लादेश वापस भेजने का आह्वान किया।
‘डेली स्टार’ ने खोकन के हवाले से कहा, ‘‘हम भारत के लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं। कृपया, शेख हसीना और शेख रेहाना को गिरफ्तार करें, जो देश छोड़कर भाग गए हैं और उन्हें वापस बांग्लादेश भेज दें। शेख हसीना ने बांग्लादेश में कई लोगों की हत्या की है।’’
खोकन बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के संयुक्त महासचिव भी हैं।
उधर, शेख हसीना के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार के पतन पर मंगलवार को ब्रिटेन में प्रवासी बांग्लादेशियों ने खुशी जताई है। हालांकि, साथ ही वे अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए चिंतित भी हैं।
ब्रिटेन के कुछ विश्वविद्यालयों में भी छात्र समूह पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में चल रहे विवादास्पद नौकरी आरक्षण योजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।
ब्रिटिश-बांग्लादेशी रेस्तरां उद्योग से जुड़े कई लोगों ने 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद अवामी लीग शासन के अंत का जश्न मनाया।
पूर्वी लंदन के व्हाइटचैप में लोकप्रिय सोनारगांव रेस्तरां के प्रबंधक बाबुल चौधरी ने कहा, ‘‘हम बहुत खुश हैं, यह हमारा स्वतंत्रता दिवस है।’’
‘फीस्ट एंड मिष्टी’ रेस्तरां के निदेशक शरीफ इस्लाम ने कहा, ‘‘हम बांग्लादेश की स्थिति को लेकर चिंतित हैं और उम्मीद करते हैं कि समय के साथ चीजें बेहतर हो जाएंगी।’’