विदेश मंत्री मोमेन ने उन्हें ‘चीन समर्थक’ बताने वाली रिपोर्ट को हास्यास्पद बताया

asiakhabar.com | May 23, 2023 | 11:59 am IST

बांग्लादेश:बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए. के. अब्दुल मोमेन ने सोमवार को एक अखबार में प्रकाशित लेख को ‘‘झूठा और बेबुनियाद’’ बताते हुए उसे खारिज कर दिया। इस लेख में मोमेन को ‘‘चीन समर्थक’’ बताते हुए आरोप लगाया गया है कि 2018 में मंत्री बनने से पहले वह चीनी संगठनों के लिए एक लॉबिस्ट के रूप में काम करते थे। मोमेन ने बांग्ला अखबार ‘कालबेला’ में रविवार को ‘‘अमेरिकी प्रतिबंध लगने वाला है, सरकार तैयार है’ शीर्षक से प्रकाशित लेख का जिक्र करते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह (उनका वर्णन) बेहद चौंकाने वाला और विचित्र है।’’विदेश मंत्री ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की आगामी कतर यात्रा के बारे में जानकारी देने के लिए संवाददाता सम्मेलन किया था। यह लेख एक विश्लेषण के तौर पर लिखा गया है। इसमें दावा किया गया है कि मोमेन ने 2018 में मंत्री बनने से पहले चीनी संगठनों के लिए लॉबिस्ट के तौर पर काम किया था। इस बयान को खारिज करते हुए मोमेन ने कहा कि लेख ‘‘फर्जी और बेबुनियाद’’ है। उन्होंने कहा कि लेख में किए गए दावे के समर्थन में कोई संदर्भ या स्रोत्र का जिक्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘बल्कि मैं तो अमेरिका में रहता था और दशकों तक वहां काम किया।’’ 2017 में राजनीति में आने से पहले मोमेन ने संयुक्त राष्ट्र के लिए बांग्लादेश के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर सेवा दी।
वह तीन दशक से अधिक समय तक अमेरिका में रहे और बोस्टन में एक विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में काम किया। मोमेन 2018 के आम चुनाव के बाद देश के विदेश मंत्री बने। रविवार को लेख प्रकाशित होने के कुछ देर बाद विदेश मंत्रालय ने विश्लेषणात्मक लेख की निंदा की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोमेन के बारे में टिप्पणी ‘‘सरासर झूठ’’ है और गलत इरादे से की गई है और इसने बांग्लादेश सरकार की छवि को धूमिल किया है। अमेरिका बांग्लादेश पर नए प्रतिबंध लगाएगा, रिपोर्ट के इस दावे के बारे में मोमेन ने कहा कि इसका कोई कारण नहीं है और यह भी कहा कि यह संबंधित देश पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें नयी पाबंदियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि यह संबंधित देश पर निर्भर करता है (लेकिन) अमेरिका अगर नए प्रतिबंध लागू करता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा।’’ अमेरिका के वित्त विभाग ने गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप में 10 दिसंबर, 2021 को बांग्लादेश के अपराध-रोधी रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) के सात वर्तमान और पूर्व अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे। बांग्लादेश ने प्रतिबंधों का विरोध करते हुए अमेरिका से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। पिछले सप्ताह अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि यह देखकर प्रसन्नता होती है कि आरएबी पर प्रतिबंध के बाद ‘‘गैर-न्यायिक हत्याओं में काफी कमी आई है’’।


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