वाशिंगटन। वैश्विक महिला मामलों के दूतावास प्रभारी पद के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो
बाइडन द्वारा नामित भारतीय-अमेरिकी गीता राव गुप्ता ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संघर्षों के अलावा
कोविड-19 वैश्विक महामारी, जलवायु संकट और निरंकुशता बढ़ने से लैंगिक असमानता में वृद्धि हुई है।
पद पर गुप्ता के नाम की पुष्टि के लिए बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई के दौरान उन्होंने ‘सीनेट कमेटी ऑन फॉरेन
रिलेशंस’ के समक्ष कहा कि उन्हें अमेरिकी नागरिक होने और समुदायों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित
करने वाली पेशेवर महिलाओं एवं उनका पूरा समर्थन करने वाले पुरुषों के परिवार से संबंध रखने वाली पहली पीढ़ी
की प्रवासी होने पर गर्व है। गुप्ता ने कहा, ‘‘यदि आप आज दुनिया को देखें, महिलाओं के हालात देखें, यदि आप
लैंगिक असमानता के संकेतकों को देखें तो वे दर्शाते हैं कि असमानता बढ़ी है।’’
लैंगिक एवं महिलाओं संबंधी मामलों की विशेषज्ञ गुप्ता ने सीनेटर जिएने शाहीन के एक सवाल के जवाब में कहा,
‘‘हम हमारे सामने मौजूद खतरों के कारण लैंगिक समानता के मामले में पीछे खिसके हैं। इस समय हमारे सामने
महिलाओं को श्रम बल से दूर करने वाली कोविड-19 महामारी, जलवायु संकट, तानाशाही उदय और दुनियाभर में
संघर्ष जैसे खतरे हैं।’’ गुप्ता के अनुसार, दुनियाभर में महिलाओं को कई असमानताएं और अपमान झेलने पड़ते हैं,
जो उन्हें अर्थव्यवस्था में पूर्ण भागीदारी से रोकते हैं।
गुप्ता ने सांसदों को बताया कि उन्होंने भारत में अपना डॉक्टरेट शोध उन बाधाओं को समझने के लिए किया,
जिनका सामना महिलाओं को अपने करियर में करना पड़ता है और इसी ने उन्हें महिलाओं के समक्ष पेश आने
वाली असमानताओं को दूर करने के लक्ष्य पर केंद्रित करियर अपनाने के लिए प्रेरित किया। गुप्ता ने कहा, ‘‘यह
मेरा जुनून और मेरा पेशा बन गया।’’ मुंबई में जन्मी गुप्ता बेंगलुरु विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में पीएचडी और
दिल्ली विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं।