कॉक्स बाजार। रोहिंग्या शरणार्थियों से भरी एक नाव नफ नदी में पलट गई। इस नाव में ज्यादातर बच्चे सवार थे। इस हादसे में अभी तक 23 लोगों की मौत हो गई है। मरने वाले तथा लापता होने वाले लोगों में काफी बच्चे शामिल हैं। मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। यह नवीनतम त्रासदी है, जिससे म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंसा से बचकर भाग रहे लोग प्रभावित हुए हैं।
बांग्लादेशी अधिकारियों ने बताया कि हादसा सोमवार रात हुआ, जब समुद्र में तेज लहरें उठ रही थीं। नाव में 60 से 100 के बीच लोग सवार थे और वह पलटने के बाद डूब गयी। 11 बच्चों, दो महिलाओं और एक पुरुष के शव बहकर बांग्लादेश के शाह पुरीर द्वीप पर आ गए और सीमा रक्षकों ने 13 लोगों को समुद्र से सुरक्षित निकाला, लेकिन बाकी लोगों का अता-पता नहीं है।
बांग्लादेश में लंबे समय से रह रहे रोहिंग्या शरणार्थी अलिफ जुखार ने मां-बाप सहित हादसे में अपने नौ रिश्तेदारों को खो दिया। उसने अपने परिजनों के शव दफनाते हुए कहा, ‘कल मेरी फोन पर अपने माता-पिता से बात हुई थी और उन्होंने कहा था कि वे कल शाह पुरीर द्वीप पर पहुंच जाएंगे।’ इसके थोड़ी ही देर बाद वह जोर जोर से रोते हुए कब्रिस्तान में बेहोश हो गया।
रोहिंग्या के रखाइन प्रांत में हिंसा के कारण गत 25 अगस्त के बाद से पांच लाख से ज्यादा रोहिंग्या म्यामां से पलायन कर चुके हैं। उनमें से करीब 150 लोग मछली पकड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली छोटी और जर्जर नावों में सफर करते हुए डूबने से मारे गए हैं। तटरक्षकों के अनुसार ये नावें समुद्र की प्रचंड लहरों के लिहाज से सही नहीं हैं। इस तरह की ज्यादातर नावें शाह पुरीर द्वीप पहुंचती हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि बांग्लादेश में कड़ी सीमा गश्तियों से बचने के लिए रोहिंग्या ज्यादातर रात को सफर करते हैं, जिससे सफर और खतरनाक बन जाता है। नाव चालकों, चालक दल के सदस्य तथा मछुआरों के गिरोह रोहिंग्याओं से दो घंटे के सफर के लिए 250 डॉलर (करीब 16,500 रुपए) लेते हैं, जबकि आमतौर पर यह किराया पांच डॉलर (करीब 330 रुपए) से ज्यादा नहीं है।