व्लादिवोस्तोक। रूस ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पता लगाने के लिए एक ऐतिहासिक मिशन की शुरुआत करते हुए शुक्रवार तड़के लूना-25 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। वर्ष 1976 के बाद रूस का पहला लूना-25 मून लैंडर हैं।
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ‘रोस्कोस्मोस’ ने बताया कि बिना वापिसी कैप्सूल वाले लूनर लैंडर को रूस के सुदूर पूर्व के अमूर ओब्लास्ट में वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से फ्रेगेट ऊपरी चरण के लिए सोयुज-2.1बी रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया।
उड़ान भरने के नौ मिनट बाद लूना-25 लैंडर से फ़्रीगेट ऊपरी चरण रॉकेट के तीसरे चरण से अलग हो गया।
करीब एक घंटे बाद लूना-25 फ़्रीगेट ऊपरी चरण से अलग हो गया और चंद्रमा के उड़ान पथ में प्रवेश के साथ मिशन का पहलाप चरण सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। इसका 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचने की उम्मीद है।
भारत के चंद्रयान-3 भी 23 अगस्त को साउथ पोल पर लैंडिंग कर सकता है। एजेंसी के अनुसार लूना-25 और चंद्रयान-3 एक-दूसरे के रास्ते में नहीं आएंगे। दोनों मिशन में लैंडिंग के लिए अलग-अलग क्षेत्रों की योजना है।