मॉस्को। रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्कि्रपल को जहर देने के मामले में अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इसी का नतीजा है कि अब रूस ने अमेरिका से बदला लेने के लिए 60 राजनियकों को निकाल दिया है। साथ ही खबर है कि रूस ने सेंट पीटर्सबर्ग स्थित दूतावास भी बंद करने का फैसला किया है।
जानकारी के अनुसार रूस ने अमेरिकी राजनयिकों को देश छोड़ने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। रूस के विदेश मंत्रालय के अनुसार मॉस्को में तैनात अमेरिका के 58 राजनयिकों के साथ ही येकर्तनबर्ग में दो जनरल कांसुलेट अफसरों को भी निकाला गया है। रूस के इस फैसले के बाद अमेरिका भड़क गया है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने उजबेकिस्तान में कहा कि, ‘यह भारी दबाव का परिणाम है। हम इसका जवाब देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। कोई भी इस तरह का खराब बर्ताव नहीं चाहता और हम भी ऐसा नहीं चाहते।’ रूसी न्यूज एजेंसी स्पुतनिक के अनुसार, उप विदेश मंत्री सर्गेई रियाब्कोव ने कहा, ‘अमेरिका ने रूस पर फिर झूठे आरोप लगाए हैं। हमने रचनात्मक काम के लिए विकल्प खुले रखे हैं और इसे जारी रखेंगे, लेकिन मौजूदा हालात में अमेरिकी फैसले को कड़ा जवाब देना जरूरी है।’
अमेरिका ने निष्कासित किए थे 60 रूसी राजनयिक
ब्रिटेन में पूर्व जासूस को जहर देने के आरोप में रूस के खिलाफ अमेरिका समेत यूरोपीय देशों ने कार्रवाई करते हुए उसके राजनयिकों को देश से निकाल दिया था। अमेरिका ने रूस के 60 राजनयिकों को अपने देश से निकाल दिया था और सिएटल स्थित रूसी दूतावास को बंद करने का आदेश दिया था।
राजनयिकों की आड़ में खुफिया अधिकारियों के कार्य करने के शक में अमेरिका समेत जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड और कई यूरोपीय देशों ने सोमवार को 116 राजनयिकों को निकाल दिया था। यह कदम रूसी डबल एजेंट सर्गेई स्कि्रपल (66) और उनकी बेटी यूलिया (33) पर चार मार्च को हुए नर्व एजेंट से हमले के बाद उठाया गया है। दोनों का ब्रिटेन के अस्पताल में इलाज चल रहा है, उनकी हालत गंभीर है। इस घटना के बाद ब्रिटेन पहले ही 23 रूसी राजनयिक निष्कासित कर चुका है।