वॉशिंगटन। अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में कई भारतीय मूल के नेता भी किस्मत आजमा रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं विवेक रामास्वामी। विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से मजबूत उम्मीदवार के तौर पर उभर रहे हैं। हालांकि अभी वह प्रमुख प्रतिद्वंदी और रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद से सबसे तगड़े उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से बहुत पीछे हैं लेकिन हाल के समय में उनकी लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल आया है।
वॉक संस्कृति के कट्टर आलोचक
अरबपति बायोटेक उद्यमी विवेक रामास्वामी अपने राष्ट्रपति पद के कैंपेन पर भारी रकम खर्च कर रहे हैं। विवेक रामास्वामी ने अपने कैंपेन की शुरुआत बिना किसी राष्ट्रीय प्रोफाइल के शुरू की थी और धीमी शुरुआत के बाद अब वह रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से तीसरे नंबर के कैंडिडेट बन गए हैं। उनसे आगे डोनाल्ड ट्रंप और फ्लोरिडा के गवर्नर रोन डेसांतिस ही हैं। रामास्वामी अमेरिका में वॉक संस्कृति के कट्टर आलोचक बनकर उभरे हैं। रामास्वामी की लिखी किताब ‘वॉक इंक’, न्यूयॉर्क टाइम्स की लिस्ट की बेस्ट सेलिंग किताबों में से एक है।
वोट देने की उम्रसीमा बढ़ाने के समर्थक
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में 17 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन सब के बीच रामास्वामी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहे हैं। विवेक रामास्वामी ने कहा है कि वह वोट देने की उम्र बढ़ाकर 25 साल करना चाहते हैं। रामास्वामी ने ये भी कहा है कि वह यूएस सेंट्रल बैंक और न्याय विभाग के 90 प्रतिशत स्टाफ को नौकरी से निकालना चाहते हैं।
जलवायु परिवर्तन पर नहीं विश्वास
विवेक रामास्वामी नहीं मानते कि जलवायु परिवर्तन जैसी कोई चीज हो रही है। यही वजह है कि वह अमेरिका की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा कोयले के इस्तेमाल की वकालत करते हैं। विवेक रामास्वामी एक हिंदू परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिनके माता-पिता भारत से अमेरिका पहुंचे थे। हावर्ड से पढ़े विवेक रामास्वामी एक बायोटेक कंपनी बनाई और आज उनकी संपत्ति 600 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा है। रामास्वामी की तारीफ खुद डोनाल्ड ट्रंप भी कर चुके हैं और जब उनसे विवेक रामास्वामी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘रामास्वामी अच्छा कर रहे हैं।’