सिएटल (अमेरिका)। ‘फ्लोरोसेंट लाइट’ के जरिए घातक रसायन के सम्पर्क में आने पर
रासायनिक कंपनी ‘मोनसेंटो’ पर मुकदमा दर्ज करने वाले वाशिंगटन के तीन स्कूली शिक्षकों को 18.5 करोड़ डॉलर
की क्षतिपूर्ति देने का अदालत ने आदेश दिया है।
शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाली विधिक फर्म ‘फ्राइडमैन रूबिन’ ने बताया कि मंगलवार को किंग काउंटी
सुपीरियर कोर्ट की जूरी ने यह फैसला सुनाया।
वाशिंगटन के मुनरो में ‘स्काई वैली एजुकेशन सेंटर’ में काम करने वाले शिक्षकों ने कहा था कि स्कूल में ‘फ्लोरोसेंट
लाइटिंग’ के जरिए पॉलीक्लोरिनेटेड बाइफिनाइल या पीसीबी के सम्पर्क में आने से उनके मस्तिष्क को क्षति पहुंची
है। शिक्षकों के वकील रिक फ्राइडमैन ने एक बयान में कहा, ‘‘ मोनसेंटा की जवाबदेही तय करने के लिए यह एक
बड़ा कदम है।’’
कंपनी की ओर से कहा गया कि वह फैसले से सहमत नहीं है और इसके खिलाफ अपील कर सकती है।
पीसीबी का इस्तेमाल कंपनी द्वारा कूलेंट और ल्यूब्रिकेंट्स के रूप में इलेक्ट्रिक उपकरणों में किया जाता था लेकिन
1979 में इस रसायन के सेहत पर दुष्प्रभाव की आशंका से रोक लगा दी गई थी। हालांकि 2019 में एसोसिएटेड
प्रेस की जांच में पता चला कि स्कूलों, डे-केयर सेंटरों में पीसीबी वाले फ्लोरोसेंट लाइट के उपकरणों का इस्तेमाल
जारी है।