बीजिंग। चीन की 2018 के सैन्य बजट में बढ़ोत्तरी पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा है। चीन ने सोमवार को रक्षा बजट में 8.1 फीसद की बढ़ोत्तरी की घोषणा की। अपनी सैन्य शक्ति को अत्याधुनिक बनाने और अपने पड़ोसी देशों जापान और ताइवान को अपनी सैन्य शक्ति का अहसास कराना है।
चीन की एक सरकारी अखबार के एक संपादकीय में ये बातें लिखी गई है। चीन का रक्षा बजट ना सिर्फ आकार में बड़ा है बल्कि अमेरिका के सैन्य बजट का एक चौथाई है। इसके साथ ही यह सबसे तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।
चीन के बढ़ते रक्षा बजट में इसके रणनीतिक इरादे साफ दिखते हैं। इसकी सैन्य क्षमताओं में, विमान वाहक और उपग्रह मिसाइल शामिल हैं।
अमेरिकी नौसेना के प्रशांत फ्लीट के कमांडर एडमिरल स्कॉट स्विफ्ट ने चीन की इस नीति में पारदर्शिता की कमी बताया जो अन्य देशों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। दूसरी तरफ चीन का कहना है कि इसके सैन्य बजट पारदर्शी हैं और यह किसी के लिए खतरा नहीं है, बस वह पुराने उपकरणों को अपडेट कर आधुनिक कर रहा है।
अखबार में कहा गया है कि पूर्व और दक्षिण चीन सागरों में चीन केवल अपने लिए खड़े होने की कोशिश कर रहा है। देश ने हाल के वर्षों में अपने समुद्री हितों का तेजी से उल्लंघन किया है इस कारण इसे किसी भी खतरे का सामना करना पड़ सकता है और इस प्रकार एक मजबूत सेना की मांग करना स्वाभाविक है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2011 के बाद सबसे बड़ा सैन्य बजट प्रस्तावित किया था, जो चीन और रूस की बढ़ती ताकत का जवाब है।
चीनी रक्षा बजट संयुक्त राज्य अमेरिका का लगभग एक-चौथाई है, हालांकि कई विदेशी विश्लेषकों और राजनयिकों का कहना है कि चीन ने इस आंकड़े को कम कर के बताया है। चीनी अखबार ने कहा कि अगर चीन वास्तव में सैन्य विस्तार करना चाहता है, तो रक्षा बजट वास्तव में 20 से 30 प्रतिशत बढ़ाना चाहिए।
अखबार ने अपने संपादकीय में कहा, “चीन स्पष्ट रूप से अमेरिका के साथ हथियारों की दौड़ में शामिल नहीं होने जा रहा है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले साल चीन की सशस्त्र बलों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए वादा किया था।