लंदन। संयुक्त राष्ट्र द्वारा उत्तर कोरिया पर तेल को लेकर लगाए गए प्रतिबंध के बीच ये खबर सामने आई है कि रूस उत्तर कोरिया को तेल की आपूर्ति कर रहा है।
सूत्रों की मानें तो इस महीने तीन बार रूसी टैंकर ने समुद्र के रास्ते से उत्तर कोरिया को तेल की आपूर्ति की। सूत्रों के अनुसार रूस जो कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक वीटो संचालन करने वाला सदस्य है, ने यूएन प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है।
विदेशी समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने नाम न छापने की शर्त पर एक सुरक्षा स्रोत ने बताया कि रूसी जहाजों ने इस साल कई मौकों पर पेट्रोकेमिकल्स के पोत रसायनों का हस्तांतरण साउथ कोरिया को किया है। दूसरे स्रोत ने उत्तर कोरिया के साथ रूसी जहाज से तेल व्यापार के अस्तित्व की पुष्टि की है। सूत्र ने जानकारी दी है कि नवीनतम स्थानान्तरण में रूसी राज्य की भागीदारी का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि भले ही इसका कोई सबूत नहीं है, लेकिन इस तरह रूस, उत्तरी कोरिया को एक लाइफ लाइन दे रहा है।
रूस के विदेश मंत्रालय और रूसी सीमा शुल्क सेवा दोनों ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। जब बुधवार को उनसे पूछा गया कि क्या रूसी जहाजों ने उत्तर कोरियाई जहाजों के लिए ईंधन की आपूर्ति की थी तो उन्होंने इस तरह की किसी भी गतिविधि से इंकार कर दिया।
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक वक्तव्य में रूस और अन्य संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है। रिफाइन्ड पेट्रोलियम के पोत परिवहन और उत्तर कोरिया से कोयले का परिवहन जैसी यूएन-निषिद्ध गतिविधियों पर पाबंदी लगाने को कहा है।
उत्तर कोरिया अपनी अर्थव्यवस्था को सक्रिय रखने के लिए आयातित ईंधन पर निर्भर है। उसे इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम के लिए तेल की आवश्यकता होती है। संयुक्त राज्य अमेरिका के अनुसार इससे एशिया में अशांति फैल सकती है। सूत्रों के अनुसार पोलैंड रूसी सुदूर पूर्वी बंदरगाहों से उत्तर कोरिया तक रूसी ईंधन से तस्करी कर रहा है।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि रूसी फ्लैग टैंकर विताज़ के पोत से उत्तर कोरियाई जहाजों के लिए ईंधन को स्थानांतरित किया गया था। रूसी बंदरगाह नियंत्रण दस्तावेजों के अनुसार, विताज़ ने 15 अक्टूबर को रूस के व्लादिवोस्तोक के निकट स्लावनका बंदरगाह को 1,600 टन तेल सप्लाई किया था।
रूसी पोत के मालिक ने उत्तर कोरियाई जहाजों के साथ किसी भी संपर्क से इनकार किया है। टैंकर के मालिक यारोस्लाव गुक ने कहा कि पोत का उत्तर कोरियाई जहाजों के साथ कोई संपर्क नहीं था। गुक ने विदेशी समाचार एजेंसी रॉयटर को फोन पर बताया कि बिल्कुल नहीं यह बहुत खतरनाक है। यह पूरी तरह पागलपन होगा।