संयुक्त राष्ट्र। यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पर अमेरिका सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अलग-थलग पड़ गया। लेकिन, इस फैसले को वापस लेने की सुरक्षा परिषद की मांग पर उसने वीटो भी कर दिया।
सुरक्षा परिषद के बाकी बचे 14 सदस्यों ने मिस्त्र के मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। हालांकि इस प्रस्ताव में अमेरिका या डोनाल्ड ट्रंप का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन साफ तौर पर यरुशलम के दर्जे को लेकर हालिया फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। मसौदे में यह भी कहा गया है कि यरुशलम की स्थिति, चरित्र और जनसंख्या अनुपात में किसी भी तरह के बदलाव का कोई कानूनी प्रभाव नहीं होगा।
मालूम हो कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी महीने दशकों पुरानी अमेरिकी नीति को बदलते हुए यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दे दी थी। इस फैसले पर फलस्तीन और अरब देशों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। वहीं, इस निर्णय ने अमेरिका के पश्चिमी सहयोगियों की चिंता भी बढ़ा दी थी। वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप इस फैसले तक ही सीमित नहीं रहना चाहते। उनकी योजना अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरुशलम स्थानांतरित करने की भी है।
गाजा पट्टी से फिर छोड़े रॉकेट, इजरायल ने किया जवाबी हमला
गाजा पट्टी से दो रॉकेट हमलों के बाद सोमवार को इजरायल के लड़ाकू विमानों ने चरमपंथी संगठन हमास के ठिकाने को निशाना बनाया। हमास के कब्जे वाले फलस्तीनी इलाके में हुई जन हानि का पता नहीं लग सका है। इजरायली सेना ने बयान जारी कर कहा है कि हर हमले का सख्ती के साथ जवाब दिया जाएगा।
सेना के प्रवक्ता के अनुसार ताजा हवाई हमले में हमास की तीन इमारतें और उनसे जुड़ी सुविधाओं को निशाना बनाया गया। इससे पहले हमास के रॉकेट हमले में इजरायली इलाके का एक मकान नष्ट हो गया जबकि दूसरा रॉकेट खाली स्थान पर गिरा। छह दिसंबर के ट्रंप के आदेश के बाद फलस्तीनी कब्जे वाला गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में हिसा भड़क उठी है। इजरायली सुरक्षा बलों के साथ टकराव में अभी तक चार फलस्तीनी मारे गए हैं जबकि दो हमास लड़ाके हवाई हमलों में मरे हैं।