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नेपीता। म्यामां की सेना ने शनिवार को इस बात से इनकार किया कि उसके प्रमुख ने
चुनाव में धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद तख्तापलट की धमकी दी थी। सेना ने कहा कि मीडिया ने उसकी
बात का गलत अर्थ निकाला है। पिछले हफ्ते म्यामां में तब तनाव के हालात बन गए थे जब सेना के प्रवक्ता
ने कहा था कि नवंबर में हुए चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की उसकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया
तो तख्तापलट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। कमांडर इन चीफ सीनियर जनरल मिन आंग
लाइंग ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों से कहा था कि यदि कानूनों को उचित तरीके से लागू नहीं किया
जाएगा तो संविधान को रद्द किया जा सकता है। इसे लेकर आशंका तब और भी बढ़ गई जब कई बड़े शहरों
में सड़कों पर बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया गया। सेना ने शनिवार को जारी अपने बयान में कहा, ‘‘कुछ
संगठनों और मीडिया’’ ने यह बात बिना किसी आधार के कही कि सेना ने संविधान को रद्द करने की धमकी
दी है। बयान में कहा गया कि जनरल मिन के भाषण का गलत अर्थ निकाला गया। पिछले वर्ष आठ नवंबर को
हुए चुनाव में सत्तारूढ़ ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ पार्टी को 476 सीटों में से 396 सीटें मिली थीं। वहीं, सेना
समर्थित ‘यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट’ पार्टी को महज 33 सीटें मिली थीं।