यांगून। म्यांमार पुलिस ने सरकारी दफ्तर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे रखाइन बौद्धों को रोकने के लिए मंगलवार रात गोलियां चला दीं, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई। इस घटना में दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
हजारों की संख्या में बौद्ध समुदाय के लोग मंगलवार को म्राउक यू में एक कार्य़क्रम में हिस्सा लेने के लिए जुटे थे। म्राउक यू एक पुराना मंदिर परिसर है, जो रखाइन प्रांत में हुई हिंसा से अब तक बचा हुआ था। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि फ्रेब्राइल प्रांत में आयोजित एक रैली में करीब 5 हजार रखाइन बौद्धों ने हिस्सा लिया और इस दौरान इसमें हिंसा हुई।
ये हिंसा क्यों भड़की अब तक इसका नहीं पता चल पाया है। मगर रखाइन बौद्ध, जिसमें से ज्यादातर लोग गरीब और दबे-कुचले हैं, उनकी लंबे वक्त से म्यांमार से दुश्मनी है। क्योंकि म्यांमार में बामर की आबादी ज्यादा है। ये हिंसा उस वक्त हुई है, जब रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर बांग्लादेश और म्यांमार के बीच प्रत्यावर्तन समझौता हुआ है, जिसके तहत 6,55,00 रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश के रिफ्यूजी कैंप से वापस म्यांमार लौटेंगे।