मल्टीमीडिया डेस्क। इजरायल और जॉर्डन के बीच स्थित है मृत सागर, जो दुनिया में एक मात्र ऐसी जगह है जहां आप सीधे भी लेट जाएं तो डूबेंगे नहीं। इसका पानी इतना अधिक खारा है कि इसमें कोई जीव जीवित ही नहीं रह पाता। इसीलिए इसका नाम मृत सागर या डेड सी पड़ा।
भले ही इस सागर में कोई जलीय जीव नहीं पनप पाता, लेकिन इसकी खासियत है कि इसके पानी से कई तरह की औषधियां भी बनती हैं। यही वजह है कि इसे कई लाइलाज रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। वैज्ञानिकों ने भी यह साबित कर दिया है कि यहां मिलने वाला नमक और खनिज लवण हमारे लिए मूल्यवान हो सकते हैं।
इसी के चलते आज मृत सागर, एशिया के मेडिकल टूरिज्म के रूप में आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। मृत सागर के उत्तरी-पश्चिमी भाग में पर्यटन और स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। मृत सागर के पानी के किनारे की काली मिट्टी और नमक से यहां विभिन्न स्पा और मड-थेरेपी के जरिये इलाज किया जाता है। जानें इसकी खूबियों के बारे में…
मृत सागर सूख रहा है। सबूत बताते हैं कि यदि कुछ नहीं किया गया, तो अगले 50 साल में पूरी तरह से सूख जाएगा। इसराइल और जॉर्डन ने ऐसा होने से रोकने के लिए लाल सागर का पानी इसमें डालने के लिए पार्टनरशिप की है।
प्राचीन काल से इस्तेमाल किए जाने वाले उर्वरक पोटाश को यहां से निकाला जाता है, जो पोटेशियम का एक जल में घुलनशील रूप है। आज, यह अरबों डॉलर की एक इंडस्ट्री है।
स्पा रिसॉर्ट्स मृत सागर क्षेत्र के चारों तरफ बने हुए हैं। इससे लोगों की त्वचा का इलाज नमक और कीचड़ के साथ किया जाता है। मृत सागर के नमक का कई लोशन और क्रीम में भी काफी इस्तेमाल किया जाता है।
मृत सागर की इस खूबी और उसके आसपास फैले सौंदर्य की वजह से उसे 2007 में विश्व के सात अजूबे में चुनी गई 28 जगहों की सूची में शामिल किया गया था। हालांकि, इसके पक्ष में ज्यादा वोट नहीं मिल पाने की वजह से इसे अजूबों में शामिल नहीं किया जा सका।
मृत सागर धरती पर मौजूद सबसे निचला इलाका है। यह समुद्र तल से 423 मीटर नीचे है। तेज गर्मी और अथाह वाष्पीकरण की वजह से मृत सागर के पानी का खारापन 33.7 फीसद रहता है। यानी इसका पानी महासागरों की तुलना में 10 गुना ज्यादा खारा है।
सिकुड़ते सागर की वजह से जो जमीन बाहर निकल रही है, वो भी किसी काम की नहीं है। ऊपर रूखापन है, लेकिन गहराई में नमी होने के कारण वहां बड़े बड़े सिंकहोल बन रहे हैं।