वाशिंगटन, 13 मई। अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा स्कूल के भोजन में पोषण संबंधी आवश्यक मानकों में छूट देने के फैसले की आलोचना की है। ओबामा शुक्रवार रात को पार्टनरशिप फॉर अ हेल्दियर (एक गैर लाभकारी संगठन ) के वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुईं। यह संस्था निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में बच्चों में बढ़ते मोटापे के रोकथाम के लिए काम करती है। इस मौके पर उन्होंने कहा, आपको इसे रोकना है सोचना है..आप हमारे बच्चों को स्कूलों में अच्छा भोजन करते क्यों नहीं देखना चाहते? आपके साथ क्या गलत है और यह एक पक्षपातपूर्ण मुद्दा क्यों है? सीएएन ने ओबामा के हवाले से कहा, यह राजनीतिक क्यों होगा? ओबामा की यह टिप्पणी कृषि सचिव सोनी परड्यू द्वारा एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद आई है, जिसमें आगामी स्कूली सत्र में छिल्का युक्त पोषण तत्वों से भरपूर अनाज, नमक, और दूध में आवश्यक पोषण की उपस्थिति को लेकर तय मानकों में छूट प्रदान की गई है। इस घोषणा से बच्चों के भोजन में छिल्का वाले पोषण युक्त अनाज के 100 फीसदी मानकों को पूरा करने में कठिनाई मुश्किल करने वाले स्कूलों को बड़ी राहत मिलेगी। राज्य अब स्कूलों को छूट दे सकते हैं। स्कूलों को अब कम सोडियम युक्त भोजन को सुनिश्चित करने और विद्यार्थियों को वसा मुक्त दूध ही देने जैसे सख्त नियमों का सामना नहीं करना पड़ेगा। वे अब एक प्रतिशत वसा युक्त दूध विद्याथिर्यों को पीने को दे सकेंगे। इस नीति से स्कूल के भोजन के मानकों में छूट दी गई है। मिशेल ने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि माता-पिता स्कूल में बच्चों के स्वास्थ्यपरक लंच के बारे में सोचें। उन्होंने कहा कि माताओं को इस बारे में जरूर सोचना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर अपनी लड़ाई जारी रखेंगी।