मेक्सिको सिटी। मेक्सिको सरकार के विशेषज्ञों ने कहा है कि वे 1800 के दशक की कुछ ममी को जगह-जगह ले जाकर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किए जाने का आम लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका से चिंतित हैं।
ममी ऐसे शव होते हैं जिन्हें रसायनों की मदद से संरक्षित किया जाता है। इसके अलावा गुआनाजुआटो राज्य में खनिज संपन्न सूखी मिट्टी में दफनाये गये कुछ शव भी प्राकृतिक रूप से सुरक्षित हो जाते हैं। मेक्सिको के इस राज्य में प्राकृतिक रूप से ममी बनने वाले बरसों पुराने कई शव ऐसे हैं, जिन पर अब भी बाल, कठोर त्वचा और मूल कपड़े हैं।
हालांकि ये शव ममी कैसे बने, इसके बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ये प्राकृतिक रूप से संरक्षित हो गये, तो कुछ का कहना है कि जलवायु और खनिज लवण युक्त मिट्टी के कारण ऐसा होता है। कुछ जानकारों ने यह तर्क भी दिया है कि शवों को जमीन के नीचे बनाये गये तहखानों (क्रिप्ट) में रखने की वजह से ये सुरक्षित हैं।
देश के राष्ट्रीय मानव विज्ञान एवं इतिहास संस्थान ने एक बयान में बताया कि इनमें से एक ममी में फफूंद लगती प्रतीत हो रही है, जिससे लोगों के संक्रमित होने की आशंका है।
संघीय संस्थान ने मेक्सिको सिटी के एक पर्यटन मेले में कांच की पेटी में छह ममी को प्रदर्शित करने के राज्य सरकार के फैसले से दूरी बना रखी है। यह स्पष्ट नहीं है कि इन पेटियों में से हवा आ-जा सकती है या नहीं। संस्थान ने कहा कि ममी को प्रदर्शित करने को लेकर उससे परामर्श नहीं लिया गया था।
संस्थान ने कहा, ‘‘यह और भी चिंताजनक है कि जैव खतरों से लोगों के बचाव के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए बिना उन्हें प्रदर्शित किया जा रहा है।’’ उसने कहा, ‘‘कुछ तस्वीरें प्रकाशित की गयी हैं जिनमें कम से कम एक उस शव की भी है जिसका निरीक्षण संस्थान ने नवंबर 2021 में किया था। इन तस्वीरों से फंफूद फैलने का संकेत मिलता है।’’
संस्थान के अनुसार इस बात का पूरी सावधानी से अध्ययन होना चाहिए कि सांस्कृतिक विरासत के लिए और इन ममी का प्रबंधन करने वालों एवं इन्हें देखने आने वालों के लिए कोई जोखिम तो नहीं है।