भारत से करार में खालिदा की तरह कुछ छिपाया नहीं: हसीना

asiakhabar.com | April 13, 2017 | 5:14 pm IST
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ढाका, 13 अप्रैल। भारत के साथ बांग्लादेश के नवनीतम समझौतों को लेकर देश में विपक्ष की नेता खालिदा जिया द्वारा की जा रही आलोचनाओं के जवाब में प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि उन्होंने अपने दौरे से संबंधित किसी भी बात को नहीं छिपाया, जैसा कि खालिदा ने तब किया था जब वह इस पद पर थीं। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि प्रधानमंत्री हसीना भारत से केवल आश्वासन लाई हैं, और कुछ नहीं। बीडीन्यूज 24 डॉट कॉम की गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक, खालिदा ने यह दावा भी किया कि जनता के विचार में इस दौरे में बांग्लादेश सरकार अपने ज्यादा ताकतवर पड़ोसी के सामने अपने हितों की रक्षा करने में नाकाम रही है। हसीना ने खालिदा की आलोचनाओं के जवाब में कहा, बीएनपी नेता ने कहा कि हमने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करते समय लोगों को धोखे में रखा। मैं उनसे केवल एक ही सवाल पूछना चाहती हूं: उन्होंने जब चीन के साथ रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, तब उन्होंने किससे सलाह ली थी? किसी ने नहीं देखा था कि उसमें क्या था। हसीना ने गणभवन में आवामी लीग की कार्यसमिति की बैठक में कहा, मैने कम से कम कुछ छिपाया तो नहीं, जैसा उन्होंने (खालिदा ने) किया था। रिपोर्ट के अनुसार हसीना ने कहा कि समझौतों पर हस्ताक्षर से पहले उन्हें मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने रखा गया था। हसीना ने कहा कि दौरे से पहले विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने भी इन समझौतों के बारे में एक संवाददाता सम्मेलन में बात की थी और बांग्लादेश-भारत संयुक्त बयान में भी इनका खुलासा किया गया है। हसीना ने कहा, अगर आंखें होने के बावजूद कोई नहीं देख सकता तो मैं कुछ नहीं कर सकती। हसीना ने दावा किया कि बांग्लादेश को भारत के साथ समझौते से लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम भारत से बिजली ला पाएंगे, पाइपलाइन के जरिए डीजल आएगा, गैस संकट को दूर करने के लिए एलएनजी भी लाई जाएगी। तीस्ता जल समझौते पर हस्ताक्षर न हो पाने को लेकर खालिदा की आलोचना के जवाब में हसीना ने सवाल किया, खालिदा जिया जब सत्ता में थीं, तब वह तीस्ता जल क्यों नहीं ला पाईं। हसीना ने कहा कि पिछले सप्ताह उनकी भारत यात्रा के दौरान दोनों पड़ोसी देशों के बीच 11 समझौतों और 24 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।


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