नयी दिल्ली। भारतीय सेना ने शनिवार को कहा कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वर्तमान हालात
के मद्देनजर भारतीय तथा चीनी अधिकारी स्थापित सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से लगातार संपर्क में बने हुए हैं।
पूर्वी लद्दाख में वर्तमान सीमा गतिरोध के समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य बातचीत
निर्धारित है। उससे पहले सेना की ओर से यह बयान आया है। पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध के बीच भारत
और चीन ने शुक्रवार को अपने ‘‘मतभेदों’’ को विवाद में नहीं बदलने देने की प्रतिबद्धता जताई थी और एक- दूसरे
की संवेदनशीलता, चिंता एवं आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए उन्हें वार्ता के माध्यम से दूर करने पर सहमत हुए
थे। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया था कि दोनों पक्ष दोनों देशों के नेतृत्वों द्वारा मुहैया किये गये
दिशानिर्देशों के मुताबिक मतभेदों को दूर करने पर सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी
चिनफिंग के बीच चीन के वुहान शहर में 2018 में हुई अनौपचारिक शिखर बैठक में लिये गये फैसलों के संदर्भ में
यह कहा गया। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत और चीन के अधिकारी भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में
बने वर्तमान हालात के मद्देनजर स्थापित सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों के जरिए एक-दूसरे के लगातार संपर्क में
बने हुए हैं।’’शनिवार सुबह के लिए निर्धारित उच्च स्तरीय संवाद के बारे में कोई भी जानकारी मुहैया कराए बगैर
इस बयान में कहा गया, ‘‘इस स्तर पर इन संवादों के बारे में किसी भी तरह की कयासों के आधार पर की गई
अप्रामाणिक रिपोर्टिंग मददगार नहीं होगी और मीडिया को सलाह दी जाती है कि वह इस तरह की रिपोर्टिंग से
बचे।’’ दोनों सेनाओं के बीच स्थानीय कमांडरों के जरिए 12 चरण की बातचीत तथा मेजर जनरल रैंक के
अधिकारियों के बीच तीन चरण की बातचीत हो चुकी है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक किसी भी संवाद के कोई स्पष्ट
परिणाम सामने नहीं आए हैं।