काठमांडू। नेपाल और भारत के बीच रेल सेवा का लगातार विस्तार हो रहा है। रेलवे का लगातार विस्तार हो रहा है, वहीं नई निर्माण प्रक्रिया में भी तेजी आई है। रक्सौल शहर से काठमांडू तक भारत को जोड़ने वाली 136 किमी लंबी रेलवे का लोकेशन सर्वे अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है।
नेपाल के भौतिक अवसंरचना मंत्रालय में सर्वेक्षण रिपोर्ट के मसौदे पर विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव अर्जुनजंग थापा ने बताया कि अध्ययन के लिए एक समिति बनाई गई है और काम चल रहा है।
रेल सेवा को भारत के जयनगर से कुर्था से बिजलापुरा होते हुए नेपाल के जनकपुर तक बढ़ा दिया गया है। कुर्था बिजलापुरा खंड 7.83 बिलियन भारतीय रुपये की लागत से बनाया गया है। भारत सरकार ने इसके लिए अनुदान सहायता प्रदान की है। जयनगर से बिजलपुरा तक रेलवे की दूरी 52 किमी है।
नेपाल सरकार भूमि अधिग्रहण कर रही है। नेपाल के रेलवे विभाग के मुताबिक भूमि अधिग्रहण के बाद निर्माण कार्य किया जाएगा। नेपाल और भारत के बीच हुए समझौते में इस बात का जिक्र है कि बर्दीवास तक जाने वाली रेलवे लाइन भारतीय अनुदान की मदद से बनाई जाएगी।
बर्दीवास मधेश प्रांत से नेपाल के पहाड़ी हिस्से तक के रास्ते में एक महत्वपूर्ण बिंदु है। इसलिए इसका सामरिक महत्व है। भारत के बथना से पूर्वी नेपाल के विराटनगर तक ट्रेन सेवा पहले ही चालू कर दी गई है। 1 जून से बथना से विराटनगर तक 18.6 किमी सेवा शुरू हो गई है। रेलवे का निर्माण भारत के 3 अरब 80 लाख के अनुदान की मदद से किया गया था। रेलवे का 13.5 किमी हिस्सा नेपाली सेक्शन में है।