संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में भारत के उपस्थायी प्रतिनिधि के. नागराज नायडू ने कहा है कि
भारत ने अपने नागरिकों को वैक्सीनेट करने से अधिक वैश्विक स्तर पर वैक्सीन की खेप पहुंचाई है। उन्होंने
संयुक्त राष्ट्र महासभा की अनौपचारिक बैठक में बताया कि कोरोना महामारी लगातार पैर पसार रही है और इसे
देखते हुए साल 2021 की शुरुआत सकारात्मकता के साथ हुई। वैश्विक समुदाय ने इसे खत्म करने के लिए कई
वैक्सीन विकसित किए। उन्होंने कहा है कि अब हम इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि बाजार में इसकी उपलब्धता,
पहुंच, खरीद और वितरण सही तरीके से हो और यह सबको उपलब्ध हो सके। वैश्विक स्तर पर सहयोग की कमी
और वैक्सीन की पहुंच में असमानता होने के कारण इसका सबसे अधिक प्रभाव गरीब देशों पर होगा। उन्होंने बताया
कि भारत आनेवाले छह महीने में न केवल अपने 300 मिलियन फ्रंटलाइन कर्मचारियों को वैक्सीनेट करेगा बल्कि
70 से अधिक देशों को वैक्सीन उपलब्ध भी कराई जा चुकी है। कोवीशील्ड वैक्सीन का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट
ऑफ इंडिया में किया गया है। साथ ही कोवावैक्सीन भारत बायोटेक फार्मा कंपनी की ओर से विकसित की गई है।
इन वैक्सीनों की उपलब्धता समान रूप से होनी चाहिए। अभी भी विश्व में कई ऐसे देश हैं जहां पर इनकी
उपलब्धता नहीं हो रही है। क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर कोरोना वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने
यहा भी बताया कि शांतिरक्षकों के लिए वैक्सीन की खेप शनिवार सुबह रवाना हुई है और जल्द ही डेनमार्क
पहुंचेगी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुटता के साथ इस पहल को समर्थन देने का आह्वान किया है।