नयी दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच गुरुवार को यहां शुरूआती टू प्लस टू वार्ता में ईरानी कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध, भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और रक्षा प्रौद्योगिकी पर समझौते को अंतिम रूप देने जैसे अहम मुद्दे पर फोकस रहेगा। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने मंगलवार को संकेत दिया कि एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का बेड़ा खरीदने के लिए रूस के साथ 40,000 करोड़ रुपये के सौदे को अंजाम देने की भारत की योजना पर भी वार्ता हो सकती है।
उन्होंने बताया कि वार्ता में कारोबार बढ़ाने, आतंकवाद से असरदार तरीके से मुकाबला करने और एच1 बी वीजा कार्यक्रम में बदलाव के ट्रंप प्रशासन के फैसले पर भारत की चिंता जैसे मुद्दे पर भी बातचीत की संभावना है। पिछले साल तय नये प्रारूप के तहत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिकी विदेश मंत्री माइक आर पोम्पिओ और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ वार्ता करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्री पोम्पिओ कल इस्लामाबाद से यहां आ रहे हैं। ऐसे में भारत पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में नयी सरकार के बारे में उनकी राय जानने का प्रयास करेगा।
अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल जोसेफ डनफोर्ड भी अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहेंगे। प्रतिनिधमंडल स्तर की टू प्लस टू वार्ता के पहले, गुरूवार की सुबह सुषमा स्वराज पोम्पिओ के साथ अलग से द्विपक्षीय वार्ता करेंगी जबकि सीतारमण भी मैटिस के साथ बातचीत करेंगी। वार्ता में दोनों तरफ से 12 अधिकारियों के रहने की संभावना है। इसके बाद दोपहर का भोज होगा।।दोपहर में स्वराज, सीतारमण, पोम्पिओ और मैटिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।सूत्रों ने बताया कि वार्ता में दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी को और आगे ले जाने पर फोकस होगा और इसमें सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को समेटा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, रूस के साथ होने जा रहे भारत के एस-400 मिसाइल सौदे पर भी वार्ता होगी और यह अमेरिका पर है कि वह क्या कदम उठाना चाहता है। इस मुद्दे पर भारत का रूख है कि वह मॉस्को के साथ सैन्य लेन-देन पर अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद सौदे पर आगे बढ़ेगा।