वाशिंगटन। भारतीय मूल के अमेरिकी सॉफ्टवेयर और रोबोटिक इंजीनियर अमित क्षत्रिय को नासा के नए ‘चंद्र से मंगल’’ कार्यक्रम का पहला अध्यक्ष नामित किया गया है। यह कार्यक्रम अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा की चंद्रमा पर दीर्घकालिक उपस्थिति की तैयारियों को सुनिश्चित करेगा ताकि मानव को अंतरिक्ष विज्ञान की नयी उपलब्धि के तहत लाल ग्रह (मंगल) तक भेजा जा सके।
एजेंसी ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि क्षत्रिय नासा द्वारा गठित कार्यालय के पहले प्रमुख के तौर पर तत्काल प्रभाव से अपना काम शुरू करेंगे। नासा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि नए कार्यालय का उद्देश्य एजेंसी की चंद्रमा और मंगल पर मानव अन्वेषण गतिविधियों को अंजाम देना है ताकि पूरी मानवता को उसका लाभ मिल सके।
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा, ‘‘अन्वेषण का स्वर्ण काल अब हो रहा है और नया कार्यालय यह सुनिश्चित करने में नासा की मदद करेगा कि वह चंद्रमा पर सफलतापूर्वक दीर्घकालिक उपस्थिति दर्ज करे और मानवता को मंगल ग्रह की ओर छलांग लगाने हेतु तैयारियों को पूरा किया जा सके…।’’ नेल्सन ने कहा, ‘‘चंद्रमा से मंगल कार्यक्रम कार्यालय नासा को चंद्रमा तक मिशन को पूरा करने और मंगल ग्रह पर पहली बार मानव को भेजने की तैयारियों में मदद करेगा।’’
विज्ञप्ति के मुताबिक क्षत्रिय चंद्रमा और मंगल ग्रह पर मानव मिशन की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
क्षत्रिय ने एकीकृत अंतरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली ‘ओरियन’ और ‘‘एक्प्लोरेशन ग्राउंड सिस्टम प्रोग्राम’’ का निर्देशन और नेतृत्व किया है। पूर्व में क्षत्रिय ने सामान्य अन्वेषण प्रणाली विकास संभाग के कार्यवाहक एसोसिएट निदेशक पद पर कार्य किया है।
क्षत्रिय ने वर्ष 2003 में अंतरिक्ष कार्यक्रम में अपने करियर की शुरुआत की थी। वर्ष 2014 से 2017 तक वह अंतरिक्ष केंद्र उड़ान निदेशक के पद पर रहे।
क्षत्रिय भारत से अमेरिका आए पहली पीढ़ी के प्रवासी की संतान हैं और उन्होंने कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से गणित विज्ञान में स्नातक किया है और टेक्सास विश्वविद्यालय से गणित में एमए की उपाधि हासिल की है।