सिएटल। बोइंग 737 मैक्स विमानप्रबंध मंडल ने अपने आधुनिकतम विमानों के तकनीकी ख़राबी और साफ़्टवेयर को खंगालना शुरू कर दिया है। इसके निर्माण में सुरक्षा संबंधी सभी पहलुओं की जांच के लिए निदेशक मंडल में से एक उच्च स्तरीय जांच समिति बना दी गई है। दुनिया भर में इस विमान के रखरखाव में कमी, फ़्यूल में किफ़ायत के कारण पिछले कुछ अरसे से इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनी ने इस माडल के विमानों के निर्माण में ‘आहिस्ता चलो’ की नीति अपनाए जाने की घोषणा की है। शुक्रवार को बोईंग कंपनी के सीईओ डेनिस ए मुलिनबर्ग ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह कंपनी कमर्शियल बोईंग 737 विमान के निर्माण के साथ मिलिट्री के लिए बोईंग 737 एनजी भी बनाती है। इस एक विमान की क़ीमत 10 करोड़ डालर है। इस विमान कंपनी की मुख्य फेक्टरी रेंटन, वाशिंगटन में है। सिएटल के क़रीब होने के कारण इस महानगर में इसके दो विमानों की पांच महीनों के अंतराल में दो दुर्घटनाओं को ले कर ख़ासी चर्चा है। बोईंग 737 मेक्स विमान शृंखला का निर्माण सन 2011 में शुरू हुआ था। इसके बाद इसने मुड़ कर पीछे नहीं देखा। यह फ्रांस में निर्मित एयर बस की टक्कर का विमान है। ईथोपिया और इंडोनेशियाइ एयरलाइन के बेड़े में बोईंग 737 मेक्स विमानों के साफ़्टवेयर में कथित ख़राबी के कारण दोनों ही विमान एक ही शैली में एक बार उड़ने के बाद मुंह के बल तेज़ी से ज़मीन पर गिरकर दुर्घटना ग्रस्त हुए और चालक दल में पायलेट नीचे जाते विमान पर नियंत्रण नहीं कर सका। इस घटना के बाद दुनिया भर में बोईंग 737 मेक्स के विमानों को उड़ाए जाने पर रोक लगा दी गई है।