बांग्लादेश के सुंदरबन में रास पूर्णिमा पूजा मेला कल से, 16 नवंबर तक होंगे पवित्र स्नान

asiakhabar.com | November 14, 2024 | 12:36 pm IST

ढाका। बांग्लादेश में तीन दिवसीय रास पूर्णिमा पूजा मेला (पवित्र स्नान) गुरुवार से शुरू होने जा रहा है। वन विभाग ने इसके लिए सुंदरबन के आसपास और डबलर चार के अलोरकोल में विशेष सुरक्षा प्रबंध किए हैं। इसमें कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। बांग्लादेश में रह रहे हिन्दू परिवारों में इस पूजा मेले का विशेष महत्व है। डबलर चार मछली गांव के रूप में प्रसिद्ध है। डबलर चार एक द्वीप है। इसका क्षेत्रफल 66.5 वर्ग किलोमीटर है। यह खुलना डिवीजन के बागेरहाट जिले में है। डबलर चार को सुंदरबन का खूबसूरत पर्यटन स्थल माना जाता है।
ढाका टिब्यून अखबार के अनुसार वन विभाग (पश्चिम) के अधिकारियों ने कहा कि रास पूर्णिमा पूजा (पवित्र स्नान) में श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए अलोरकोल में विशेष सुरक्षा उपाय किए गए हैं। तीन दिवसीय रास पूर्णिमा पूजा का समापन 16 नवंबर को होगा। आयोजन के दौरान किसी भी तरह के घरेलू हथियार और आग्नेयास्त्रों और सभी प्रकार का मांस ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। वन विभाग ने सुंदरबन में डबलर चार की ओर जाने वाले भक्तों के लिए पांच जल मार्ग निर्धारित किए हैं।
यह मार्ग हैं -(1)बुरिगोलिनी-कोबाडक नदियां बटुलानदी-बलनाडी-पाटकोष्टा-होंगशोराज के माध्यम से डबलर चार तक। (2) कोयरा-काशीबाद-खाशिताना-बोजबोजा अरुआ शिबसा-शिब्सा नदी-मरजात मार्ग। (3) नालियान स्टेशन से डबलर चार तक शिब्सा-मरजात नदी। (4) डांगमारी-चंदपाई के माध्यम से टीनकोना द्वीप से डबलर चार तक। (5) बोगी-बालेश्वर-सुपोटी-काचीखली स्टेशन से शेलार चार को पार करते हुए डबलर चार तक।
वन विभाग के अधिकारियों ने साफ किया है कि रास पूर्णिमा पूजा (पवित्र स्नान) में हिस्सा लेने वाले हिंदू श्रद्धालुओं को प्रवेश शुल्क देना होगा। किसी को भी रात को आने-जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सुंदरबन के प्रभागीय वन अधिकारी (पश्चिम प्रभाग) एमडी सरवर आलम ने कहा, ”पूजा अवधि के दौरान हिरणों के अवैध शिकार को रोकने के लिए बागेरहाट जिला प्रशासन के साथ बैठक में चर्चा हो चुकी है। अवैध शिकार को हर हाल में रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को पांच बजे सुबह यात्रा प्रारंभ करनी होगी। लाउडस्पीकर, किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आग्नेयास्त्र, गोला-बारूद ले जाना और रात में यात्रा करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
रास पूर्णिमा पूजा समिति को त्योहार के दौरान हिरण के शिकार पर नजर रखने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, ”रैपिड एक्शन बटालियन, तटरक्षक बल और बांग्लादेश नौसेना के साथ-साथ वन विभाग की गश्ती टीमों को 14 से 16 नवंबर तक पशूर, शेवला, भोला और शिबसा नदियों में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।”
उल्लेखनीय है सुन्दरबन अथवा सुंदरवन (बांग्ला उच्चारण-शून्दोरबोन) भारत और बांग्लादेश तक फैला विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा है। दोनों देशों में फैले बंगाल की खाड़ी के मुहाने पर स्थित कई द्वीपों के समूह से सुंदरबन बनता है। यह गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियों के डेल्टा पर स्थित है। यह दुनिया के सबसे बड़े सक्रिय डेल्टा क्षेत्रों में से एक है। ये डेल्टा सदाबहार वनों और विशाल खारे दलदल से भरे हैं। इस दलदली जंगल में ऊंची-नीची संकरी खाड़ी हैं। यहां के नरभक्षी बाघ ‘बंगाल टाइगर’ के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। भारतीय क्षेत्र का सुंदरवन यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *