स्टॉकहोम। स्वीडन सरकार नई परमाणु ऊर्जा को बड़े पैमाने पर विस्तार करनेे की योजना बना रही है। इसको लेकर सरकार ने कहा कि 2045 तक वह चाहती है कि देश में 10 नए रिएक्टर हो, जिनमें से दो 2035 तक चालू हो जाएंगे।
ऊर्जा मंत्री एब्बा बुश ने एक संवाददाता सम्मेलन में 100 प्रतिशत नवीकरणीय से 100 प्रतिशत जीवाश्म-मुक्त बिजली उत्पादन में नीति बदलाव की रूपरेखा बताते हुए कहा, इसका मतलब स्वीडन की ऊर्जा नीति का एक ऐतिहासिक पुनर्गठन होगा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मंत्री के हवाले से कहा, “हमें 25 साल के भीतर बिजली उत्पादन दोगुना करना है।” उन्होंने कहा, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, परमाणु रिएक्टरों की संख्या पर लगी सीमा हटा दी जाएगी और नए रिएक्टरों के लिए अनुमति देने की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और तेज किया जाएगा। बुश ने कहा, सरकार ने नई परमाणु ऊर्जा में निवेश के लिए क्रेडिट गारंटी शुरू करने का भी फैसला किया है।
नए परमाणु बुनियादी ढांचे में राज्य और निवेशकों के बीच जोखिम-साझाकरण के लिए एक आर्थिक मॉडल भी विकसित किया जाएगा। बुश ने कहा कि हरित उद्योगों के विकसित होने के साथ-साथ बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विस्तार जरूरी है क्योंकि “बिजली प्रणाली इतनी नाजुक कभी नहीं रही जितनी अब है।” उन्होंने याद किया कि पिछली सर्दियों में असंतुलन के कारण ग्रिड लगभग ध्वस्त हो गया था।
सांख्यिकी स्वीडन के अनुसार, पिछले साल देश में 170 टेरावाट घंटे (टीडब्ल्यूएच) बिजली का उत्पादन किया गया था, जिसमें से 69 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से आया था। कुल उत्पादन में जलविद्युत ऊर्जा का हिस्सा 41 प्रतिशत था, जबकि परमाणु और पवन का हिस्सा क्रमशः 29 प्रतिशत और 19 प्रतिशत था। स्वीडिश एनर्जी एजेंसी के अनुसार, देश की बिजली खपत 2035 तक दोगुनी होकर 280 टीडब्ल्यूएच प्रति वर्ष और 2045 तक बढ़कर 370 टीडब्ल्यूएच प्रति वर्ष हो सकती है।