नजफ (इराक)। शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश देने के लिए पोप फ्रांसिस ने शिया
समुदाय के सबसे वरिष्ठ धर्मगुरुओं में से एक अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी से शनिवार को इराक के नजफ
शहर में मुलाकात की।
पोप ने अल-सिस्तानी के आवास पर उनसे मुलाकात की और इस दौरान दोनों धर्मगुरुओं ने कई मुद्दों पर
बातचीत की।
पोप का स्वागत करने के लिए लोग पारंपरिक परिधानों में अपने घरों के बाहर खड़े थे। शांति के प्रतीक के तौर
पर कुछ सफेद कबूतर भी छोड़े गए।
बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान इराक के अल्पसंख्यक ईसाइयों से जुड़े मुद्दे भी उठाए गए।
अल सिस्तानी शिया बहुल इराक में प्रमुख धर्मगुरु हैं और मजहबी तथा अन्य मामलों पर दुनिया भर में शिया
समुदाय के लोग उनके विचारों को मानते हैं।
पोप के आगमन का इराकी टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया और लोगों ने दोनों धर्मगुरुओं की मुलाकात
पर प्रसन्नता व्यक्त की।
नजफ के निवासी हैदर अल इलयावी ने कहा, ‘‘हम इराक में, खासकर नजफ में आने और धर्मगुरु अयातुल्ला
अली अल-सिस्तानी के साथ पोप की मुलाकात का स्वागत करते हैं। यह एक एतिहासिक दौरा है और उम्मीद है
कि इससे इराक और यहां के लोगों का भला होगा।’’
पोप शुक्रवार को इराक पहुंचे और उन्होंने देश की पहली यात्रा के दौरान वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से
मुलाकात की। उनकी यात्रा का मकसद लोगों के बीच बंधुत्व की भावना को बढ़ाना है। कोरोना वायरस महामारी
शुरू होने के बाद से पोप की यह पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा है।