पेगासस स्पाइवेयर पर अधिकारियों ने छह करोड़ 10 लाख डॉलर खर्च किए: मेक्सिको

asiakhabar.com | July 29, 2021 | 5:20 pm IST

मेक्सिको सिटी। मेक्सिको के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बुधवार को कहा कि देश के दो पूर्ववर्ती
प्रशासनों ने विपक्षियों और पत्रकारों पर निगरानी रखने के मकसद से पेगासस स्पाइवेयर को खरीदने के लिए छह
करोड़ 10 लाख डॉलर खर्च किए थे।
जन सुरक्षा सचिव रोजा इसेला रोड्रिगेज ने बताया कि 2006 से 2012 तक देश के राष्ट्रपति रहे फेलिप काल्डेरोन
और 2012 से 2018 तक राष्ट्रपति रहे एकरिन पेना नीतो के प्रशासनों में किए गए 31 अनुबंधों के रिकॉर्ड पाए गए
हैं। कुछ अनुबंधों को किसी अन्य उपकरण की खरीदारी बताकर छुपाया गया।
सरकार ने कहा कि इजराइली स्पाइवेयर कंपनी एनएसओ ग्रुप के साथ कई अनुबंधों पर फ्रंट या शेल कंपनियों के
साथ हस्ताक्षर किए गए थे, जिनका उपयोग मेक्सिको में रिश्वत के लेने-देन या करों से बचने के लिए अक्सर
किया जाता है। शेल या फ्रंट कंपनियां ऐसी कंपनियां होती हैं, जो केवल कागजों पर बनी होती हैं और कोई
आधिकारिक कारोबार नहीं करतीं। इन कंपनियों का इस्तेमाल धनशोधन के लिए किया जाता है।
इससे पहले, धनशोधन संबंधी मामलों के सरकार के एक शीर्ष जांचकर्ता ने पिछले सप्ताह कहा था कि पिछले दो
प्रशासनों के अधिकारियों ने स्पाइवेयर खरीदने के लिए लगभग 30 करोड़ डॉलर सरकारी धन खर्च किया था।
मेक्सिको की वित्तीय खुफिया इकाई के प्रमुख सैंटियागो नीतो ने कहा था कि 2012 से 2018 के बीच पूर्व प्रशासन
के अधिकारियों ने इज़राइल के एनएसओ से ‘स्पाइवेयर’ खरीदने के लिए सरकारी कोष से 30 करोड़ डॉलर खर्च किए
थे। ऐसा प्रतीत होता है कि पेगासस स्पाइवेयर जैसे कार्यक्रमों के ‘बिल’ में अतिरिक्त भुगतान शामिल हैं, जिन्हें
शायद रिश्वत के रूप में पूर्व सरकारी अधिकारियों को वापस भेज दिया गया होगा।
सैंटियागो नीतो ने बुधवार को कहा था कि भुगतान की गई राशि और जिस तरह उनका भुगतान किया गया था,
उससे पहले से ही सवालों के घेरे में आ चुके टेलीफोन टैपिंग कार्यक्रम में सरकारी भ्रष्टाचार के संकेत मिलते हैं।

टेलीफोन हैक करने के लिए पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी हस्तियों को निशाना बनाया गया था, जिनमें देश के
मौजूदा राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्राडोर और उनके करीबी भी उस वक्त शामिल थे।
नीतो ने कहा कि लोपेज ओब्राडोर ने एक दिसम्बर, 2018 को राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला और ‘स्पाइवेयर’
का इस्तेमाल ना करने का संकल्प किया। तभी से मौजूदा प्रशासन द्वारा ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देने के
सबूत भी नहीं मिले हैं।


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