लॉस एंजेल्स। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दक्षिण पूर्वी अफ़्रीकी देशों,मोज़ाम्बिक, ज़िम्बाब्वे और मलावी में हैजा और मलेरिया रोग फैलने की आशंका ज़ाहिर की है। इन देशों में चक्रवाती तूफान आने से जगह जगह पानी भर गए हैं। इस बीच एमनेस्टी इंटेरनेशनल ने मंगलवार को विभिन्न सरकारों और अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसियों से राहत सामग्री जुटाने की अपील की। इसी तरह की अपील इंटेरनेशनल ह्यूमन राइट आरगेनाइज़ेशन ने भी की है। उधर इंटेरनेशनल रेड क्रॉस के अलावा यूनिसेफ़, संयुक्त राष्ट्र खाद्य कार्यक्रम, यूरोपीय यूनियन तथा ब्रिटेन सहित अनेक एजेंसियां राहत कार्य में जुटी हुई हैं। यूरोपीय यूनियन ने क़रीब चालीस लाख डॉलर देने की घोषणा की है, तो ब्रिटेन ने अकेले अस्सी लाख डॉलर देने की घोषणा की है। मध्य पूर्व देशों में संयुक्त अरब अमीरात ने राहत सामग्री भेजने घोषणा की है। इस भीषण आपदा में तीनों ही देशों में मरने वालों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। मरने वालों की संख्या एक हज़ार तक होने की आशंका जाहिर की जा रही हैं। मोज़ाम्बिक मेें अब तक में दो सौ लोगों के मरने की पुष्टि की जा चुकी है। संयुक्त राष्ट्र मानवीय एजेंसी ने कहा है कि क़रीब 53 लाख लोगों के सामने भोजन और साफ़ पीने के पानी के समस्या खड़ी हो गई है। विदित हो कि गुरुवार को इडई चक्रवात 175 किलोमीटर की रफ़्तार से आया था जिसमें मोज़ाम्बिक के एक बड़े पोर्ट शहर बेइरा का करीब 50 वर्गगकिलाेेेमीटर क्षेेेत्र पानी में डूब गया है। बताया जाता हैै कि माेेेजाम्बि में 17 लाख लोग और सवा नौ लाख मलावी में प्रभावित हुए हैं। टिन शेड वाले मकानों की छतें उड़ने से भारी संख्या में लोगों के घायल होने के समाचार मिल रहे हैं। उधर, ज़िम्बाब्वे में राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दी गई है।