
इस्लामाबाद। भारत ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की सूचना पाकिस्तान को दी। भारत ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार सीमा पार आतंकवाद, खासकर पहलगाम हमले, ने संधि की शर्तों को तोड़ा है। हालांकि, भारत ने यह साफ नहीं किया कि नदियों का पानी रोका गया है या नहीं। लेकिन पाकिस्तान में पानी को लेकर आपस में लड़ाई देखी जा रही है। पाकिस्तान में पानी के बंटवारे को लेकर अपने ही राज्यों के बीच जंग छिड़ गई है, खासकर नए नहर प्रोजेक्ट पर तीखा विवाद चल रहा है।
भारत के जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष सैयद अली मुर्तजा को पत्र लिखकर कहा, ‘पाकिस्तान का लगातार सीमा पार आतंकवाद, खासकर जम्मू-कश्मीर में, भारत की संधि के तहत अधिकारों को बाधित कर रहा है।’ यह फैसला बुधवार को लिया गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने पहलगाम हमले के जवाब में पांच बड़े कदमों को मंजूरी दी। इनमें अटारी सीमा बंद करना, सार्क वीजा छूट रद्द करना और दोनों देशों के दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या घटाना शामिल है।
भारत के इस कदम ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है। हालांकि, भारत ने अभी पानी का बहाव रोका भी नहीं है, लेकिन पाकिस्तान में पानी के बंटवारे को लेकर पहले से ही तनाव है। नए नहर प्रोजेक्ट पर शहबाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन और बिलावल भुट्टो की पार्टी पीपीपी के बीच गहरा विवाद चल रहा है। शहबाज शरीफ ने पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ इस्लामाबाद में बैठक की और ऐलान किया कि जब तक काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स में सहमति नहीं बनती, कोई नई नहर नहीं बनेगी। पाकिस्तान के राज्य नहीं चाहते कि नहर से उनका पानी दूसरे प्रांतों में जाए। आलम ये है कि सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने नहर प्रोजेक्ट रुकने को ‘सिंध की जीत’ बताया और कहा, ‘जब तक पीपीपी सत्ता में है, सिंध का एक बूंद पानी नहीं जाएगा।’ पीपीपी ने सिंध में तीन दिन तक जश्न और रैलियों का ऐलान किया है।